हाउसिंग फॉर ऑल:लोन व किराया देते थक चुके, बिना पजेशन ही रहने लगे

नगर निगम ने जब हाउसिंग फॉर ऑल स्कीम के तहत अपने प्रोजेक्ट शुरू किए तो लोगों ने इसे हाथोहाथ लिया। बैंक से लोन लेकर बुकिंग भी करा ली। लेकिन, नगर निगम न तो एक भी प्रोजेक्ट पूरा कर पाया न ही इन्हें समय पर पजेशन दे पाया। पिछले कुछ सालों में मकान का किराया और लोन की किस्त दोनों चुकाते-चुकाते लोगों की उम्मीद पूरी तरह टूट चुकी है। स्थिति यह है कि कुछ तो बिना पजेशन ही जबरन मकान में रहने लगे हैं।
सारी आय इसमें जा रही: लहारपुर में चाय-नाश्ते का होटल चलाने वाले नितेश देवहरे ने बताया कि साल 2021 में 7 लाख रुपए का लोन लेकर बागमुगालिया में ईडब्लयूएस फ्लैट लिया था। तभी से 7 हजार रुपए बैंक की किस्त और 5 हजार रुपए मकान का किराया दे रहा हूं। जो कमाता हूं, सब इसमें चला जाता है। अब तो शह है कि मरने के बाद भी फ्लैट मिलेगा या नहीं।
हारकर फ्लैट में डेरा डाला: बागमुगालिया निवासी राजेश पगारे प्राइवेट जॉब करते हैं। उन्होंने 2019 में शुरू हुए बागमुगालिया प्रोजेक्ट में 22 लाख रु. में फ्लैट लिया था। दिसंबर 2022 तक पजेशन देने की बात थी, अब तक नहीं मिला। उन्होंने बताया, हर माह 18 हजार बैंक की किस्त और 10 हजार रुपए मकान किराया देते-देते थक चुका था तो बिना पजेशन ही रहने लगा हूं। अस्थायी बिजली मीटर लगाया है।
अब कहीं से उम्मीद नहीं बागमुगालिया में रहने वाले विनय मिश्रा प्राइवेट जॉब करते हैं। उन्होंने भी नितेश की तरह साढ़े 7 लाख रुपए का ईडब्ल्यूएस फ्लैट लिया था। बैंक से लोन लिया था। विनय बताते हैं, लोन और किराया भरते-भरते थक चुका हूं। हर किसी से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अगले-अगले महीने करते-करते साढ़े 4 साल बीत गए। अब तो उम्मीद भी नहीं रही।
रेरा में शिकायत कर सकते हैं लोग
मकान लेते समय जो वादे किए जाते हैं, वे पूरे करने होते हैं। चाहे निजी प्रोजेक्ट हों या सरकारी, समय पर पूरा नहीं होता है, तो लोग सीधे रेरा में शिकायत कर सकते हैं। रेरा पीड़ित के पक्ष में निर्णय करता है तो प्राइवेट और सरकारी दोनों एजेंसी को ब्याज के साथ पैसा लौटाने से लेकर जुर्माना लगाने तक के आदेश दे सकता है।
– मनोज मिश्रा, आर्किटेक्ट
सभी प्रोजेक्ट जल्द पूरे करने के प्रयास
ये सभी प्रोजेक्ट मेरे आने के पहले से चल रहे हैं। मैंने चार्ज संभालने के बाद लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों को हटाने से लेकर नोटिस तक दिए हैं। सभी प्रोजेक्ट को रेरा की परमिशन दिलाने का प्रयास कर रहे हैं। जिनमें मंजूरी नहीं हैं, वहां अभी बुकिंग रोक दी गई हैं। -हरेंद्र नारायण, कमिश्नर नगर निगम