बांग्लादेश के कारण भारतीयों को मिली ये बड़ी राहत कैसी? आपकी थाली पर डायरेक्ट इम्पैक्ट

नई दिल्ली: घर के खाने के बिल में बड़ी कटौती हुई है। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2025 में वेज यानी शाकाहारी थाली की औसत कीमत 10% कम हुई है। वहीं, नॉन-वेज वाली थाली के दाम करीब 6% घटे हैं। वेज थाली में यह गिरावट सब्जियों और दालों के दाम घटने की वजह से आई है। इससे पता चलता है कि पूरे भारत में खाने-पीने की चीजों की महंगाई कम हो रही है। बांग्लादेश को प्याज निर्यात की धीमी रफ्तार ने थाली की कीमत घटाने में बड़ी भूमिका निभाई है। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स की रिपोर्ट बताती है कि सितंबर में शाकाहारी थाली का औसत खर्च 26.30 रुपये रहा। यह पिछले साल सितंबर में 29.10 रुपये था। वहीं, मांसाहारी थाली का खर्च 56 रुपये से घटकर 52.60 रुपये हो गया। यह थाली की कीमत उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत के औसत भावों के आधार पर निकाली गई है। इससे घर के खाने-पीने के खर्च का अंदाजा मिलता है।
क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘शाकाहारी थाली की लागत में आई यह कमी मुख्य रूप से सब्जियों और दालों की कीमतों में आई भारी गिरावट के कारण हुई है।’
बांग्लादेश को प्याज का निर्यात धीमा
थाली की कीमत तय करने में सब्जियों का बड़ा हाथ होता है। सितंबर में सब्जियों के दाम में सबसे ज्यादा कमी देखी गई। प्याज के दाम साल भर पहले के मुकाबले 46% तक गिर गए। इसकी वजह यह है कि रबी की फसल अच्छी हुई। देश में प्याज की उपलब्धता बढ़ गई। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बांग्लादेश को प्याज का निर्यात धीमा होने से भी कीमतों को काबू में रखने में मदद मिली। बांग्लादेश भारत से सबसे ज्यादा प्याज खरीदता है।
क्रिसिल ने दी ये चेतावनी
क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस के डायरेक्टर पुशान शर्मा ने चेतावनी दी है कि कीमतों के इस कम रहने का सिलसिला शायद ज्यादा दिन तक न चले।
शर्मा ने कहा, ‘प्याज की कीमतों में मध्यम अवधि में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अगस्त और सितंबर में कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे मुख्य राज्यों में भारी बारिश हुई है। इस बारिश की वजह से खरीफ की बुवाई में देरी हुई है और फसल की पैदावार को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।’
उन्होंने यह भी बताया कि बारिश की वजह से मुख्य टमाटर उगाने वाले इलाकों में सप्लाई में दिक्कतें आ सकती हैं। इसलिए त्योहारी सीजन में टमाटर के दाम भी बढ़ सकते हैं।
सब्जियों और दालों के दाम कम होने से मांसाहारी थाली की लागत भी कम हुई। लेकिन, यह गिरावट सिर्फ 6% के आसपास ही रही। इसकी वजह यह है कि ब्रॉयलर चिकन के दाम, जो मांसाहारी थाली की लागत का लगभग आधा हिस्सा होते हैं, उनमें साल भर पहले के मुकाबले सिर्फ 1% की गिरावट आई।
अगर सिर्फ सितंबर महीने की बात करें तो शाकाहारी थाली 3% सस्ती हुई। लेकिन, मांसाहारी थाली की कीमत अगस्त के मुकाबले 3% बढ़ गई। ऐसा ब्रॉयलर चिकन के दाम में 10% की बढ़ोतरी की वजह से हुआ। यह बढ़ोतरी सप्लाई में कमी और उत्पादन कम होने के कारण हुई।





