नाराज़ पितरों को पितृ पक्ष में कैसे करें शांत, इस जल से दूर होगी समस्या

इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर 2023, दिन शुक्रवार से हो रही है. इसका समापन 14 अक्टूबर 2023, दिन शनिवार को होगा. पितृ पक्ष शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. पितृपक्ष के दौरान हमारे पूर्वज पृथ्वी पर 15 दिन समय बिताने आते हैं. इस दौरान वे हमारा रहन-सहन देखकर उसके अनुरूप हमसे प्रसन्न और नाराज होते हैं. पितृ पक्ष हिंदू धर्म में बेहद खास माना गया है. यह वह समय है जब हमें अपने पूर्वजों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करने का मौका प्राप्त होता है. इस दौरान नाराज पितरों को प्रसन्न करने के लिए गंगाजल के कुछ उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपना कर आप पितरों की नाराजगी दूर कर सकते हैं. गंगाजल के भी कौन से उपाय हैं

1. गंगा नदी को सनातन धर्म में बेहद पवित्र नदी माना जाता है. गंगा नदी को मां की संज्ञा देते हुए उसकी पूजा आराधना की जाती है. पितृ पक्ष के दौरान पितरों की नाराजगी दूर करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए उनको अर्पित किए जाने वाले भोजन और जल में कुछ बूंदें गंगाजल की जरूर मिलाएं. इस उपाय से पितृ दोष दूर होता है और घर में शांति बनी रहती है.

2. पितृ पक्ष के 15 दिन नियमित रूप से घर के चारों तरफ गंगाजल का छिड़काव करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है और जीवन में हमेशा खुशहाली आती है.

3. मान्यता है कि पितृ पक्ष में हमारे पूर्वज घर के किसी भी स्थान पर मौजूद हो सकते हैं, यदि उनको गंगाजल का छिड़काव किया जाता है तो वे प्रसन्न होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं. गंगाजल पितरों तक पहुंचाने का एक सरल माध्यम माना जाता है.

4. सोलह श्राद्ध के दौरान यदि आप पितरों का तर्पण करते हैं तो उसमें कुछ बूंदें गंगाजल की जरूर मिलाएं. इसमें कुछ काले तिल भी मिलाएं, इस उपाय से पितरों को मुक्ति मिलती है साथ ही परिवार को कल्याणकारी आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.

5. घर की दक्षिण दिशा पूर्वजों की दिशा मानी जाती है. यदि सोलह श्राद्ध में आप घर की दक्षिण दिशा में गंगाजल का छिड़काव करते हैं तो इससे हमारे पूर्वजों को मुक्ति मिलती है और वह प्रसन्न होकर हमें सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं.

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