राजधानी में बिना अनुमति चल रहा कार रेंटल का अवैध धंधा, आरटीओ और प्रशासन बेखबर

भोपाल। राजधानी भोपाल में बिना परिवहन विभाग की अनुमति के कारों को ड्राइवर के बिना किराए पर देने का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस मनमानी की भनक न तो क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) को है और न ही जिला प्रशासन को। मंगलवार रात एक नाबालिग ने एक निजी एजेंसी से किराए पर कार लेकर मेहता मार्केट के सामने तीन वाहनों को टक्कर मार दी थी, जिसमें एक ई-रिक्शा चालक की मौत हो गई।बुधवार को नईदुनिया की पड़ताल में सामने आया कि भोपाल में आइएसबीटी, नादरा, हलालपुर बस स्टैंड, एमपी नगर और जहांगीराबाद जैसे क्षेत्रों में कई कार रेंटल एजेंसियां सक्रिय हैं। ये एजेंसियां बिना ड्राइवर के हैचबैक, सेडान और एसयूवी सहित लग्जरी कारें प्रति घंटे के हिसाब से किराए पर देती हैं।
जब इस अवैध कारोबार को लेकर आरटीओ से बात की गई तो अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि "रेंट ए कैब" योजना के तहत लाइसेंस जरूरी है। आरटीओ ने बताया कि भोपाल में इस तरह की कोई भी एजेंसी अधिकृत नहीं है। बीते छह महीनों में दो एजेंसियों ने आवेदन जरूर दिया है, लेकिन वो अभी प्रक्रिया में हैं। वर्तमान में केवल उन्हीं ट्रेवल एजेंसियों को लाइसेंस जारी किए गए हैं, जो ड्राइवर के साथ कार उपलब्ध कराती हैं।
रेंट ए कार योजना की मुख्य शर्तें
खास बात यह है कि यह धंधा अब गोवा जैसे पर्यटन स्थलों की तर्ज पर भोपाल में पांव पसार रहा है, जहां टूरिस्ट्स को कारें सीधे उपलब्ध कराई जाती हैं।
रेंट ए कार योजना की मुख्य शर्तें:
- एजेंसी के पास कम से कम 50 कारों का बेड़ा होना चाहिए
- लाख रुपये तक का लाइसेंस शुल्क देना होता है।
- ग्राहक से ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड जैसे दस्तावेज जमा कराना जरूरी है।
भोपाल के आरटीओ जितेंद्र शर्मा ने कहा कि "कार रेंटल सर्विस एजेंसियों की पड़ताल शुरू कर दी गई है। जिनके पास लाइसेंस नहीं है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बिना लाइसेंस के कोई भी एजेंसी वाहन किराए पर नहीं दे सकती।"