काले सोने के आयात पर लगा अंकुश तो भारत को हो गई बचत, जानिए कैसे

नई दिल्ली: सोना तो सोना है। कोयला को भी औद्योगिक जगत में ‘काला सोना’ कहा जाता है। यूं तो भारत में कोयले की कमी नहीं है, लेकिन यदि क्वालिटी वाले या बढ़िया कोयले की बात करें तो, उसकी भारी कमी है। इसलिए स्टील इंडस्ट्री को ही नहीं बल्कि पावर प्लांट को भी भारी मात्रा में कोयला विदेशों से मंगाना पड़ता है। इसमें हर साल अरबों डॉलर खर्च हो रहे हैं। लेकिन बीते साल कोयला के अंधाधुंध आयात पर अंकुश लगा तो 11 महीने में ही करीब $6.93 billion के विदेशी मुद्रा की बचत हो गई।

कोयले के आयात में भारी कमी

केंद्रीय कोयला मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच भारत में कोयले के आयात में भारी कमी हुई है। इस दौरान कोयले के आयात में 9.2 फीसदी की गिरावट आई है। बीते साल 11 महीने के दौरान 220.3 मिलियन टन (MT) कोयले का आयात हुआ। जबकि एक साल पहले इसी अवधि के दौरान यह आंकड़ा 242.6 MT था।

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