ब्रह्मोस, आकाश जैसे भारतीय हथियारों का कहर, चायनीज बम फुस्स.. ऑपरेशन सिंदूर से भारत के फैन बने अमेरिकी एक्सपर्ट, बताया मॉडल

वॉशिंगटन/नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में कितनी तबाही मचाई और भारत का मिशन कितना कामयाब रहा है, धीरे धीरे इसको लेकर इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स एनालिसिस करने लगे हैं। पाकिस्तान ने सीजफायर के बाद जश्न जरूर मना लिया, लेकिन वक्त बीतने के साथ जो रिपोर्ट्स आ रही हैं, उसे देख पाकिस्तानी जनता भी अब हताश होकर कहने लगे हैं कि पाकिस्तान फौज ने उन्हें उल्लू बना दिया है। अमेरिका के रिटायर्ड सैन्य अधिकारी जॉन स्पेंसर ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सबसे खास बात ये थी कि भारत ने स्वदेशी हथियारों का जमकर इस्तेमाल किया है और ना सिर्फ विरोधियों को, बल्कि इंटरनेशल कम्युनिटी को भी एक संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि भारत किस तरह से हथियारों का इस्तेमाल करता है, उसकर दुनिया की नजर थी।
जॉन स्पेंसर, जो अमेरिका के मॉडर्न वॉर इंस्टीट्यूट में ‘शहरों में लड़ी जाने वाली लड़ाई’ पढ़ाते हैं, उन्होंने कहा है कि भारत के घरेलू हथियार काफी कारगर रहे हैं, जबकि पाकिस्तान ने जो चीनी हथियारों का इस्तेमाल किया है, वो फ्लॉप साबित हो गये हैं। आपको बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसके तहत सबसे पहले हमले में पाकिस्तान में स्थिति आतंकियों के 9 ठिकानों पर हमला कर तबाह कर दिया गया था। इसके बाद पाकिस्तान ने आतंकियों का साथ देते हुए भारत में जम्मू, पठानकोट और जैसलमेर में नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने की कोशिश की थी, जिसका भारत ने फिर से करारा जवाब दिया था।
पाकिस्तान ने भारत के नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया था, लेकिन भारत ने तमाम ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया। पाकिस्तान का एक भी ड्रोन और मिसाइल भारत में अपने टारगेट को हिट नहीं कर पाया। भारत के एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम, जिनमें रूसी एस-400 और स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस एक्टिव था, उसने पाकिस्तान के तमाम ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही उड़ा दिया।
चीनी हथियारों पर पाकिस्तान की अत्यधिक निर्भरता
पाकिस्तान अपनी जरूरत का 81 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा अब चीन से खरीदता है। पाकिस्तान की सेना HQ-9/P, LY-80, और FM-90 जैसी चीनी सिस्टम पर बहुत ज्यादा निर्भर है। लेकिन चीन के ये हथियार युद्ध के दौरान भारतीय मिसाइलों और ड्रोनों का पता लगाने में बार बार नाकाम हो रहीं थीं। पाकिस्तान की नाकामी का भारत ने जबरदस्त फायदा उठाया और लाहौर और चकवाला में पाकिस्तान सेना की चीनी एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि भारत की DRDO की एंटी-ड्रोन सिस्टम और इंटीग्रेटेड काउंटर-यूएस ग्रिड से युक्त एक कॉर्डिनेटेड नेटवर्क ने पाकिस्तान की तमाम मिसाइलों और ड्रोन को रोक दिया। जबकि भारत की जवाबी कार्रवाई के दौरान भारतीय वायु सेना ने लाहौर में चीनी एचक्यू-9 एयर डिफेंस सिस्टम, रडार सिस्टम के साथ साथ पाकिस्तान के स्ट्रैटजिक स्थलों को बुरी तरह से तबाह कर दिया।