भोपाल से नागपुर तक सीधे जुड़ेंगे औद्योगिक केंद्र:चौथी लाइन बिछाने के लिए सर्वे जल्द

रेल यातायात को आधुनिक बनाने और माल व यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से रेलवे ने बीना से भोपाल-इटारसी होकर नागपुर तक चौथी रेल लाइन बिछाई जाएगी। हाल ही में इटारसी से नागपुर के बीच चौथी रेल लाइन बिछाने की योजना को केंद्रीय मंत्री परिषद ने स्वीकृति प्रदान की है। इसके पूर्व रेलवे द्वारा बीना से भोपाल होकर इटारसी तक चौथी रेल लाइन बिछाने की घोषणा की जा चुकी है।
भोपाल रेल मंडल प्रशासन ने बीना से इटारसी तक बिछाई जाने वाली चौथी रेल लाइन के लिए सर्वे करवाने की घोषणा भी कर दी है। इस परियोजना से ट्रेनें औसतन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जाने लगेंगी। साथ ही मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच व्यापारिक, औद्योगिक और यात्री आवागमन को भी नई रफ्तार मिलेगी।
इस प्रस्तावित रेल लाइन का सर्वेक्षण जल्द शुरू किया जाएगा और इसके बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी। यह रेल लाइन मौजूदा ट्रैक के समानांतर या उसके करीब बिछाई जाएगी, ताकि ट्रैफिक लोड को संतुलित किया जा सके।
वर्तमान में इस रूट पर तीन लाइनें हैं, जो ट्रैफिक के भारी दबाव के कारण अक्सर बाधित रहती हैं। नई लाइन चौथी लाइन के रूप में कार्य करेगी। भोपाल रेल मंडल के सीनियर डीसीएम सौरभ कटारिया का कहना है कि नई ट्रेनों से लेकर मालगाड़ियों से सामान पहुंचाने में समय की बचत के लिहाज से चौथी रेलवे लाइन काफी कारगर साबित होगी।
दूरी का गणित
- भोपाल से नागपुर की मौजूदा रेल रूट की दूरी लगभग 390 किलोमीटर है।
- इटारसी से नागपुर की दूरी करीब 295 किलोमीटर है।
- बीना से नागपुर की कुल दूरी लगभग 610 किलोमीटर होती है, जो भोपाल और इटारसी होते हुए तय की जाती है।
- उत्तर को दक्षिण व पश्चिम तक: इस योजना के तहत रेलवे तीनों प्रमुख स्टेशनों बीना, भोपाल और इटारसी को जोड़ते हुए नागपुर तक नई ट्रैक क्षमता विकसित करेगा। इस रूट पर मालगाड़ियों का अत्यधिक दबाव है। इसका मुख्य कारण यह उत्तर भारत को दक्षिण और पश्चिम भारत से जोड़ने वाला मेन रूट है।
फायदे: ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी, राजस्व भी बढ़ेगा
- नई रेल लाइन बिछने के बाद यात्री ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी और वह औसतन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जाने लगेंगी। इससे यात्रियों के समय की बचत होगी और ट्रेनों की लेट-लतीफी कम की जा सकेगी। अभी औसतन रफ्तार 130 किमी प्रति घंटे है।
- नई ट्रेनों की संभावना: विशेषकर भोपाल-नागपुर, इटारसी-नागपुर और बीना-नागपुर रूट पर नई यात्री ट्रेनें और मालगाड़ियां शुरू की जा सकेंगी। यदि भविष्य की संभावनाएं देखें, तो आरकेएमपी पर 150 ट्रेनों के हाल्ट और 20 से अधिक शुरू होने की उम्मीद है। भोपाल स्टेशन पर ट्रेन संख्या 250 से ज्यादा हो सकेगी।
- औद्योगिक क्षेत्रों को लाभ: इस रूट पर कई औद्योगिक और कृषि आधारित क्षेत्र आते हैं, जिन्हें समय पर माल परिवहन की सुविधा मिलेगी। बीना से लेकर नर्मदापुरम तक काफी कृषि उत्पाद पैदा होते हैं। इनका परिवहन मप्र से दक्षिण और पश्चिम भारत की ओर करने में खासी सुविधा मिलने लगेगी।
- माल-यात्री परिवहन से बढ़ेगी आय: माल और यात्री परिवहन दोनों से आय में बढ़ोतरी होगी। रेल अधिकारियों के अनुसार, यह परियोजना मिशन गति शक्ति के तहत तेजी से आगे बढ़ाई जाएगी। इससे मध्य भारत का यह महत्वपूर्ण रेलवे सेक्शन आने वाले वर्षों में देश के सबसे व्यस्त और आधुनिक रेल कॉरिडोर में तब्दील हो सकता है।