जाने अयोध्या रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी की तारीख जाने क्यों चुनी गई
अयोध्या
जिस दिन का करोड़ों देशवासियों को इंतजार था, वह नजदीक आ गया है। 22 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला के श्री विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने अयोध्या आएंगे। दोपहर 12.30 बजे प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को स्वीकार करते हुए पीएम मोदी ने इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनने को अपने लिए सौभाग्य की बात बताया। इस मौके पर देश के 4000 संत-महात्मा और समाज के 2500 प्रतिष्ठित महानुभाव उपस्थित रहेंगे।
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी का दिन ही क्यों चुना गया है? तीन साल पहले पांच अगस्त, 2020 को जब राम मंदिर का शिलान्यास किया गया था, तब टाइमिंग को लेकर सवाल क्यों उठे थे? आइए इन सवालों के जवाब आपको विस्तार से बताते हैं।
दरअसल मकर संक्रांति के दौरान 16 जनवरी से 24 जनवरी 2024 तक की तिथियां शुभ मुहूर्त मानी गई हैं। मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल के मुताबिक, पहले 24 जनवरी की तारीख प्राण- प्रतिष्ठा के लिए चुनी गई थी। इस बीच मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी ने काशी और अन्य मठों-मंदिरों के विद्वान-आचार्यों से संपर्क कर सबसे शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी हासिल की। बताया गया कि प्रभु श्रीराम का जन्म अभिजीत योग में हुआ था।
अन्य तिथियों में यह योग क्षणिक समय के लिए बन रहा था जबकि 22 जनवरी को यह अभिजीत योग लंबे समय तक का है। ऐसे में तय हुआ कि यह तिथि ही सबसे उपयुक्त रहेगी। कामेश्वर चौपाल ने बताया कि स्वामी गोविंद देव गिरी के निर्देशन में विद्वान आचार्य से 22 जनवरी को प्रभु रामलला की प्राण- प्रतिष्ठा के सारे अनुष्ठान करवाए जाएंगे। पीएम नरेंद्र मोदी इसके मुख्य यजमान बनेंगे। स्वामी गोविंद देव गिरी धार्मिक अनुष्ठान आदि कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए बनी हाई पावर कमिटी के अध्यक्ष भी हैं।
राम मंदिर शिलान्यास के मुहूर्त पर उठे थे सवाल
आपको बता दें कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने खूब सावधानी बरती है। शुभ मुहूर्त का पूरा ध्यान रखा है। दअरसल, पांच अगस्त, 2020 को जब पीएम मोदी राम मंदिर का शिलान्यास करने अयोध्या आए थे, तब इसको लेकर विवाद की स्थिति बन गई थी। वाराणसी के संतों और ज्योतिषियों ने सवाल खड़े कर दिए थे। उनका कहना था कि 5 अगस्त बुधवार को दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर राम मंदिर शिलान्यास का महूर्त अशुभ है।
ज्योतिषपीठ और शारदा पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने तो सूर्य के दक्षिणायन में होने की सूरत में इस पूरे मुहूर्त को परम अशुभ घोषित कर दिया था। संतों और ज्योतिषियों के विरोध को ध्यान में रखते हुए ही इस बार मंदिर ट्रस्ट ने काशी और अन्य जगहों के मठों-मंदिरों से शुभ मुहूर्त को लेकर विचार विमर्श किया है।
4 हजार संत-महात्मा समेत विशेष महानुभाव उपस्थित रहेंगे
इस बीच, यूपी की सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से प्राण प्रतिष्ठा समारोह भगवान राम के करोड़ों भक्तों की भावनाओं को प्रतिबिंबित करेगा। राम मंदिर ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को दोपहर 12.30 बजे पीएम के कर-कमलों से होगी। इस अवसर पर देश के 4000 संत-महात्मा एवं समाज के 2500 प्रतिष्ठित महानुभाव उपस्थित रहेंगे। इनमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जैसे नाम शामिल हैं।