भोपाल में आज क्षत्रिय क्रांति सम्मेलन:15 मांगों के लिए सरकार को देंगे अल्टीमेटम; कहा- जांच के बाद एट्रोसिटी में गिरफ्तारी हो

प्रदेश में क्षत्रिय समाज अब आर-पार की रणनीति पर उतर आया है। समाज की विभिन्न लंबित मांगों को लेकर आज 15 नवंबर (शनिवार) को खुशीलाल ग्राउंड में विशाल ‘क्षत्रिय क्रांति सम्मेलन’ आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में प्रदेशभर से हजारों प्रतिनिधियों और समाजजन पहुंचे हैं।
सरकार के सामने रखी जाएंगी 15 प्रमुख मांगें संगठन के प्रदेश अध्यक्ष इंदल सिंह राणा ने बताया कि सम्मेलन में सरकार के समक्ष 15 महत्वपूर्ण मांगें रखी जाएंगी। राणा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “यह सम्मेलन समाज की एकता, सम्मान और अधिकारों को स्थापित करने का संकल्प है। यदि सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो प्रदेशव्यापी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
सम्मेलन की प्रमुख मांगें
- हरदा प्रकरण: क्षत्रिय समाज पर हुए कथित अन्याय की उच्च स्तरीय जांच और दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई।
- EWS आरक्षण: 10% से बढ़ाकर 20% किए जाने तथा प्रमाणपत्र प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग।
- अग्निवीर योजना: सेना में स्थायी भर्ती प्रणाली फिर शुरू करने और अग्निवीरों को स्थायी सेवा व पेंशन देने का आग्रह।
- गौ माता संरक्षण: गौ माता को ‘राष्ट्र माता’ का दर्जा देने और अवैध तस्करी व हत्या पर कठोर कानून की मांग।
- राजनीतिक प्रतिनिधित्व: जनसंख्या के अनुपात में विधानसभा, लोकसभा और संगठनात्मक पदों पर उचित जगह।
- किसान हित: सभी फसलों पर MSP की कानूनी गारंटी और नुकसान पर पूरा मुआवजा।
- संस्कृति संरक्षण: क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास के साथ छेड़छाड़ और अपमानजनक टिप्पणियों पर रोक।
- शिक्षा: हर जिले में ‘राजपूत छात्रावास’ के लिए शासन से भूमि उपलब्ध कराने की मांग।
- एट्रोसिटी एक्ट: दुरुपयोग रोकने और गिरफ्तारी केवल जांच के बाद होने का प्रावधान।
- धार्मिक संपत्ति: मठ-मंदिरों की जमीन उनके नाम दर्ज करने और अवैध कब्जों पर कार्रवाई।
यह न्याय और सम्मान की लड़ाई प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष आशु सिंह ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ क्षत्रिय समाज का मुद्दा नहीं, बल्कि न्याय और सम्मान की लड़ाई है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि “यदि सम्मेलन के बाद भी सरकार की चुप्पी जारी रही, तो आंदोलन सड़क से सदन तक पहुंचेगा।
कार्यक्रम में प्रदेश महिला अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान, संगठन महामंत्री अजय सिंह राठौर सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारियों की उपस्थिति रहने की संभावना है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, खुशीलाल ग्राउंड पर होने वाला यह सम्मेलन प्रदेश की राजनीति और सामाजिक समीकरणों पर असर डाल सकता है।





