ईमानदारों पर नरमी और बेईमानों पर सख्ती… वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अधिकारियों को दिया निर्देश

नई दिल्ली: GST सुधारों के लिए उठाए गए हालिया कदमों में टैक्सपेयर्स के लिए सहूलियत पर जोर देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि GST रजिस्ट्रेशन और शिकायतें दूर करने में अधिकारियों को तकनीक का उपयोग बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि GST अधिकारियों को ईमानदार करदाताओं से विनम्रता से पेश आना चाहिए, पर बेईमानी करने वालों से कड़ाई से निपटना चाहिए। वित्त मंत्री गाजियाबाद में CGST बिल्डिंग के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रही थीं।
वित्त मंत्री ने कहा कि 1 नवंबर से सरल जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और दो तरह के मामलों में 3 कामकाजी दिनों के भीतर ऑटोमैटिक रजिस्ट्रेशन मिल जाएगा। एक तरह के आवेदक वे होंगे, जिन्हें डेटा एनालिसिस के आधार पर सिस्टम आइडेंटिफाई करेगा और दूसरे वे होंगे, जो यह सेल्फ असेसमेंट करेंगे। उनकी आउटपुट टैक्स लायबिलिटी ढाई लाख रुपये प्रति महीने से ज्यादा नहीं होगी। इस रिफॉर्म से 96% नए आवेदकों को लाभ होने की उम्मीद है।
स्पेशल हेल्पडेस्क
सीतारमण ने कहा कि फील्ड फॉर्मेशन को जिम्मेदारी है कि इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से अमल में लाए। GST सेवा केंद्रों में GST रजिस्ट्रेशन के लिए स्पेशल हेल्पडेस्क होनी चाहिए। वित्त मंत्री ने अधिकारियों से कहा, ‘आप विनम्र रहें। नेक्स्ट जेनरेशन GST केवल रेट, स्लैब और सिप्लिफिकेशन के बारे में नहीं है। इन रिफॉर्म्स से टैक्सपेयर्स को अलग अहसास होना चाहिए। उन्हें यह महसूस होना चाहिए कि उनसे सम्मानजनक बर्ताव हो रहा है।उन्होंने साथ ही कहा कि जो लोग गड़बड़ी करते हैं, उनको नियमों के तहत पकड़ा जाना चाहिए। लेकिन हर व्यक्ति को संदेह की नजर से नहीं देखा जाना चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि CBIC और GST फील्ड फॉर्मेशंस को नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म्स की मूल भावना को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। GST काउंसिल ने रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को सरल और ज्यादा पारदर्शी बनाने की मंजूरी दी है।





