एलजी के आईपीओ ने तो झोली भर दी, लेकिन इस महीने लिस्ट हुए 12 में 8 IPO ने निवेशकों को रुला दिया

मुंबई: आईपीओ या इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) में आप भी निवेश करते हैं तो यह खबर जरूर पढ़िए। इस महीने मतलब कि अक्टूबर में मेनबोर्ड पर लिस्ट हुए 12 में से आठ IPO अब अपने इश्यू प्राइस (जारी मूल्य) से नीचे कारोबार कर रहे हैं। यह दिखाता है कि प्राइमरी मार्केट में भारी हलचल के बाद निवेशकों का उत्साह कम हो गया है।
क्या है सुस्त प्रदर्शन की वजह
विश्लेषकों का कहना है कि यह सुस्त प्रदर्शन कुछ खास वजहों से है। जैसे कि बहुत ज्यादा कीमत पर IPO लाना, रिटेल निवेशकों की कम भागीदारी और लिस्टिंग के बाद का उत्साह फीका पड़ जाना। इनके मुताबिक कई आईपीओ ने एग्रेसिव प्राइस सेट किया, जिसे बाजार ने नकार दिया।
कौन-कौन से आईपीओ घाटे में
इस महीने लिस्ट हुए कुछ खास IPOs जो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए, उनमें ओम फ्रेट फॉरवर्डर्स (Om Freight Forwarders) शामिल है। यह 8 अक्टूबर को 135 रुपये के इश्यू प्राइस पर लिस्ट हुआ था, लेकिन लिस्टिंग के समय ही इसे 40% का भारी डिस्काउंट मिला। अब यह अपने इश्यू प्राइस से 27% नीचे गिर गया है। ग्लॉटिस (Glottis) का IPO 129 रुपये प्रति शेयर पर आया था और अब यह इश्यू प्राइस से 40% नीचे है। वहीं, बीएमडब्ल्यू वेंचर्स (BMW Ventures) 99 रुपये के इश्यू प्राइस से 35% गिर गया है। वीवर्क मैनेजमेंट (WeWork Management), ईपैक प्रीफैब टेक्नोलॉजीज (Epack Prefab Technologies), फैबटेक टेक्नोलॉजीज (Fabtech Technologies), जिंक्कुशल इंडस्ट्रीज (Jinkushal Industries) और पेस डिजिटेक (Pace Digitek) भी अपने ऑफर प्राइस से नीचे चल रहे हैं, हालांकि इनमें गिरावट की मात्रा अलग-अलग है। अच्छी बात यह है कि टाटा कैपिटल (Tata Capital) कल लिस्ट होने के बाद थोड़ा ऊपर गया है। एडवांस एग्रोलाइफ (Advance Agrolife), ट्रूआल्ट बायोएनर्जी (TruAlt Bionergy) और जैन रिसोर्स रीसाइक्लिंग (Jain Resource Recycling) ही कुछ ऐसे IPOs हैं जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है। जैन रिसोर्स रीसाइक्लिंग तो अपने इश्यू प्राइस से लगभग 50% ऊपर चला गया है।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने खुश किया
इसके विपरीत, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स (LG Electronics) के आईपीओ ने निवेशकों को खुश कर दिया। इसका 1140 रुपये था जबकि लिस्टिंग प्राइस 1715 रुपये था। मतलब कि 50 फीसदी से ज्यादा का लिस्टिंग गेन। इसके बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी प्राइसिंग उचित है। इसके FY25 की कमाई पर P/E 35.1x है, जो इसके बाजार में मजबूत पकड़ को देखते हुए सही है। यह वॉशिंग मशीन (33.5%), रेफ्रिजरेटर (29.9%), एयर कंडीशनर (20.6%) और माइक्रोवेव (51.4%) जैसे उत्पादों में प्रमुख स्थान रखता है। 11,607 करोड़ रुपये के इस IPO को 4 लाख करोड़ रुपये के बिड मिले, जो इसकी लोकप्रियता का एक उदाहरण है
कंपनी के पफंडामेंटल में दिक्कत?
फिडेंट एसेट मैनेजमेंट (Fident Asset Management) के फाउंडर और सीआईओ ऐश्वर्या दाधीच (Aishvarya Dadheech) का कहना है कि लिस्टिंग के बाद कमजोर प्रदर्शन ‘आक्रामक मूल्य निर्धारण और खुदरा भागीदारी की कमी’ को दर्शाता है, न कि कंपनी के फंडामेंटल (बुनियादी बातों) में कोई बड़ी खराबी। दाधीच ने हमारे सहयोगी ईटीमार्केट्स (ETMarkets) से बातचीत में कहा, ‘एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ही एकमात्र लिस्टिंग थी जिसने व्यापार की मजबूती, ब्रांड अपील और मूल्यांकन के बीच सही संतुलन बनाया। यह उचित 30-35x मल्टीपल पर आया, जबकि कई अन्य IPO 50-70x पर मूल्यवान थे।’
निवेशक हो गए हैं समझदार
दाधीच ने यह भी बताया कि बार-बार की निराशाओं के बाद निवेशक अब ज्यादा समझदार हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘खुदरा निवेशक यह महसूस कर रहे हैं कि IPO में उन्माद ज्यादा होता है, फंडामेंटल कम।’ उन्होंने आगे कहा कि एलजी का खुदरा सब्सक्रिप्शन भी केवल लगभग तीन गुना ही था। उन्होंने यह भी बताया कि अनलिस्टेड मार्केट (बिना लिस्ट हुए कंपनियों का बाजार) काफी धीमा हो गया है, जबकि एफआईआई (FIIs – विदेशी संस्थागत निवेशक) टाटा कैपिटल और एलजी जैसी अच्छी कंपनियों में रुचि दिखा रहे हैं। ‘एफआईआई सेकेंडरी मार्केट में बेच सकते हैं, लेकिन वे अच्छी क्वालिटी के प्राइमरी इश्यू में खरीदार बने हुए हैं।’
डिस्क्लेमर: इस विश्लेषण में दिए गए सुझाव व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, एनबीटी के नहीं। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश का निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श कर लें। क्योंकि शेयर बाजार की परिस्थितियां तेजी से बदल सकती हैं।