शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा का आगमन हाथी की सवारी पर, जानें आगमन और प्रस्थान के शुभ-अशुभ प्रभाव, मुहूर्त

इस साल शारदीय नवरात्रि या शरद नवरात्रि का प्रारंभ 15 अक्टूबर रविवार से होने वाला है. उस दिन आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि होगी. पंचांग के अनुसार, आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि शुरू होती है और इसका समापन आश्विन शुक्ल दशमी तिथि को दुर्गा विसर्जन के साथ होगा.

इस साल दुर्गा विसर्जन 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को होगा. उस दिन विजयादशमी मनाई जाएगी. मातारानी सिंह पर सवार होती हैं, लेकिन जब वे पृथ्वी पर आती हैं तो दिन के अनुसार उनकी सवारी बदल जाती है. दिन के हिसाब से उनके आगमन और प्रस्थान की सवारी तय होती है. इस साल शारदीय नवरात्रि पर मां दुर्गा किस वाहन पर सवार होकर आएंगी और उनका प्रस्थान किस सवारी पर होगा?

शारदीय नवरात्रि में हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा
 इस साल शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा. मातारानी हाथी पर सवार होकर कैलाश से पृथ्वी लोक पर अपने मायके आएंगी. इस साल नवरात्रि रविवार के दिन शुरु हो रही है, इसलिए उनका वाहन हाथी है. जब नवरात्रि रविवार या सोमवार से प्रारंभ हो तो माता की सवारी हाथी होती है.

मुर्गा पर सवार होकर विदा होंगी मां दुर्गा
इस साल शारदीय नवरात्रि का समापन मंगलवार के दिन हो रहा है, इस वजह से मां दुर्गा की ​विदाई मुर्गे की सवारी पर होगी. उस दिन मां दुर्गा विदा होकर अपने ससुराल कैलाश जाएंगी. जब नवरात्रि का समापन मंगलवार या शनिवार को हो तो उस दौरान मातारानी की सवारी मुर्गा होता है.

मातारानी के आगमन से पड़ेंगे 2 शुभ प्रभाव
जब मातारानी हाथी पर सवार होकर आती हैं तो इससे लोगों को शुभ फल की प्राप्ति होती है. हाथी की सवारी अधिक वर्षा का संकेत है. इससे सुख और समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है.

मातारानी के प्रस्थान से होंगे 2 अशुभ प्रभाव
जब भी मातारानी का प्रस्थान मुर्गा पर होता है तो वह लोगों के कष्ट को बढ़ाने वाला होता है. इस साल मां दुर्गा की विदाई पर लोगों की समस्याओं में बढ़ोत्तरी होने के संकेत हैं.

शारदीय नवरात्रि 2023 घटस्थापना मुहूर्त क्या है?
15 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि की घटस्थापना होगी. उस दिन घटस्थापना मुहूर्त 11:44 एएम से दोपहर 12:30 पीएम तक है. शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर 11:24 पीएम से 16 अक्टूबर 12:32 एएम तक है. शारदीय नवरात्रि के पहले दिन नवदुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button