महात्मा गांधी नरेगा और स्वच्छ भारत मिशन से बदली गांव की तस्वीर

गरियाबंद।  जिला मुख्यालय गरियाबंद से लगभग 18 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत खरहरी के ग्रामीणों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) एवं स्वच्छ भारत मिशन के सफल क्रियान्वयन से एक नई पहचान बनाई है। इस गाँव के ग्रामीणों ने स्वच्छता और सामुदायिक भागीदारी के प्रयास के कारण अन्य गांवों के लिए उदाहरण बन चुका है। यहां की स्वच्छाग्रही महिलाओं के समूह ने गांव की सफाई और कचरा प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालकर न सिर्फ पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में काम किया है, बल्कि आजीविका के नए साधन भी विकसित किए हैं। गांव में सेग्रीगेशन शेड का निर्माण मनरेगा के अंतर्गत हुआ, जहां सूखा कचरा (लोहा, प्लास्टिक, पेपर, कॉर्टून आदि) छांटकर कबाड़ी को बेचा जाता है, और गीले कचरे से जैविक खाद तैयार की जाती है, जिसका उपयोग पौधरोपण में होता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस गांव में जॉब कार्डधारियों की संख्या 340 है, जिसमें श्रमिकों की संख्या 714 है। इनके द्वारा गांव में स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाना एवं गांव गली, मोहल्लों को साफ व स्वच्छ रखने के लिए सहयोग किया जा रहा है। प्रत्येक घर से सप्ताह में दो बार ट्रायसिकल के माध्यम से कचरा संग्रहण, मासिक स्वच्छता शुल्क 10 रूपये तथा ग्राम पंचायत से 6 हजार रूपये के सहयोग राशि इस पूरी व्यवस्था को निरंतर बनाए रखा है। गांव के सरपंच जगदीश राम और ग्रामीण नंदनी साहू ने भी इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि महिलाओं के प्रयास से गांव में बदलाव आया है। अब लोग स्वच्छता को गंभीरता से लेने लगे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि खरहरी में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत गांव की स्वच्छाग्रही समूह की महिलाओं द्वारा विगत 01 वर्ष से गांव में फैले हुए कुड़ा कचरा, नालियों की गंदगी को देखकर अपने गंाव की साफ-सफाई करने की योजना बनाई गई। पंचायत के माध्यम से गांव में सेग्रीगेशन शेड़ बनाने के लिए एवं उससे होने वाले लाभों को ग्राम सभा में ग्रामीणों के द्वारा जानकारी दी गई। जिसे ग्राम सभा में उपस्थित नागरिकों ने सहमति प्रदान की। मनरेगा के माध्यम से सेग्रीगेशन शेड़ की स्वीकृति के पश्चात् कार्य को समय-सीमा में पूर्ण किया गया।

इसके पश्चात ग्राम पंचायत में स्वच्छाग्रही समूह की महिलाओं द्वारा किये गये कार्य से गांव में फैले प्लास्टिक कचरा तथा गांव की गलियों में गंदगी कम हुई है, जिससे ग्राम खरहरी क्लीन एण्ड ग्रीन विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है तथा गांव में स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता आया है। गांव में नियमित साफ-सफाई हो रही है। स्वच्छाग्रही समूह द्वारा घर-घर से संग्रहण किये गये कचरा को अलग कर शेड़ में संधारित कर छंटनी कर सुखा कचरा यथा-लोहा, प्लास्टिक, पेपर, कॉर्टून इत्यादि को कबाडी में बेंच कर अतिरिक्त आमदनी कमा रहें है। गीला कचरा साग सब्जियों के डंटल, पेड़ पौधों के पत्तियों को सेग्रीगेशन शेड़ के समीप बने नाडेप में संग्रहित कर खाद के रूप में तैयार किया जा रहा है। ग्राम पंचायत द्वारा स्वच्छाग्रही समूह को मासिक सहयोग राशि दिया जाता है, साथ ही स्वच्छता कीट के रूप में मास्क, ग्लब्स, एप्रान, बुट, कैप, हैण्डवास, डस्टबीन, धमेला, फावड़ा दिया गया है। स्वच्छाग्रही समूह द्वारा घर-घर से संग्रहण किये गये कचरा को पृथक्करण शेड़ में संधारित कर छंटनी कर सुखा कचरा यथा-लोहा, प्लास्टिक, पेपर, कॉर्टून इत्यादि को कबाड़ी मंे बेंच कर अतिरिक्त आमदनी कमा रहे है। स्वच्छाग्रही समूह की महिलाओं द्वारा किये गये कार्य से गांव की गलियों में गंदगी कम हुई है, जिससे ग्राम खरहरी क्लीन एण्ड़ ग्रीन विलेज के रूप में विकसित हो रही है तथा गांव में स्वच्छता के प्रति लोगो में जागरूकता आया है।

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