बोट क्लब पर बदइंतजामी, केरवा पर मौत की ढलान:बारिश के मौसम में टूरिस्ट स्पॉट पर बढ़ती है भीड़, लेकिन यहां सुरक्षा और सुविधाएं नदारद

बरसात के खुशनुमा मौसम में शहर और आसपास के पर्यटन स्थलों पर भीड़ बढ़ जाती है। खासतौर पर वीकेंड और छुट्टी वाले दिन। लेकिन, चिंताजनक बात यह है कि इन स्थलों पर पर्यटकों की सुविधा के लिए सफाई, पार्किंग जैसे बुनियादी इंतजाम भी नहीं हैं। महिला पुलिसकर्मी भी कहीं नहीं दिखतीं।
बोट क्लब पर शिकारा शुरू होने के बाद पुरानी रौनक लौटने की संभावना है। लेकिन शाम होते ही सड़क पर पसरा अंधेरा और कमजोर रोशनी महिलाओं की सुरक्षा के लिए खतरा है। यहां अवैध फूड कार्ट्स और पार्किंग की शिकायतें भी बढ़ रही हैं। केरवा डेम पर भीड़ होने के बावजूद पार्किंग व्यवस्था चरमराई हुई है तो अमरगढ़ वॉटर फॉल तक पहुंचने वाले 8 किमी लंबे जंगली रास्ते को कम से कम आवागमन के लायक बनाना आवश्यक है।
बोट क्लब पर पार्किंग की भी सही व्यवस्था नहीं, रोड पर खड़ी रहती हैं कारें
बोट क्लब : रोशनी कमजोर, लेडी पुलिस नहीं वीकेंड पर हजारों लोग यहां पहुंचते हैं, लेकिन पर्याप्त पार्किग तक नहीं है। निगम की पार्किंग इतनी छोटी है कि लोग वाहन सड़क पर खड़े करते हैं। सड़क किनारे गंदगी फैली रहती है। सिर्फ एक ही सार्वजनिक शौचालय है, जबकी जरूरत ज्यादा की है। यहां कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं रहती, जबकि अंधेरा ढलते ही असामाजिक तत्वों की आवाजाही बढ़ने लगती है।
केरवा डेम : हर साल हादसे फिर भी लापरवाही
यहां मौत का कुआं नामक एक खतरनाक जगह है, जहां अब तक 150 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इसके बावजूद सिर्फ चेतावनी बोर्ड लगाए हैं। सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं रहते। कोई हादसा होने पर धारा 144 लगाई जाती है। बाद में सब सामान्य हो जाता है। महिला पुलिसकर्मी न होने से महिलाओं के लिए ये जगह असुरक्षित है। सार्वजनिक टॉयलेट भी नहीं है।
अमरगढ़ फॉल : कीचड़ से भरा रास्ता
यहां पहुंचने का करीब 8 किमी लंबा पहाड़ी रास्ता कीचड़ और फिसलन से भरा है। इस कारण हादसे होते रहते हैं। वाहन फंस जाते हैं। जंगल क्षेत्र होने के कारण मोबाइल नेटवर्क नहीं रहता है। रातापानी नजदीक होने से जंगली जानवरों का खतरा भी बना रहता है। यहां जगह-जगह दिशा निर्देश लगाए जाने की जरूरत है। पुलिस और वनकर्मियों की ड्यूटी बढ़ाई जाना चाहिए।
2024 में हुए हादसे
अमरगढ़ फॉल : भोपाल के एक परिवार के पांच सदस्य अचानक पानी बढ़ने से अमरगढ़ फॉल में फंस गए थे।। चार घंटे बाद उन्हें बचाया जा सका। केरवा डेम : अयोध्या नगर का आईटीआई छात्र अमन विश्वकर्मा तैरना नहीं आने के बावजूद केरवा डेम में उतरा और डूब गया।
हादसे बढ़ने के कारण
- पहाड़-जलाशयों पर सेल्फी और स्टंट्स की होड़ अक्सर जानलेवा बनती है।
- बारिश में पहाड़ी रास्ते फिसलन बढ़ने से खतरनाक बन जाते हैं।
- कीचड़ और गंदगी के कारण वाहन दुर्घटनाएं बढ़ती हैं।
- डेम के किनारे पर भीड़ जमा होना दुर्घटना की वजह बनता है।
^बरसात में पिकनिक स्पॉट पर हादसे न हों। इसको लेकर सभी एसडीएम और नगर निगम टीम को निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। यह अमला अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय रहेगा।
कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर