आईपीओ लाकर भारत में खूब कमाई कर रहीं मल्टीनेशनल कंपनियां, ये आंकड़े देख ट्रंप पीट लेंगे अपना माथा

नई दिल्ली: मल्टीनेशनल कंपनियों की भारतीय इकाई आईपीओ लाकर खूब कमाई कर रही हैं। इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के आईपीओ के मूल्यांकन ने एक बार फिर एक दिलचस्प चलन को सामने ला दिया है। यह चलन अक्सर देखा जाता है कि किसी मल्टीनेशनल कंपनी (MNC) की भारतीय सहायक कंपनी को अपनी मूल कंपनी से कहीं ज्यादा वैल्यूएशन मिलता है। ज्यादातर मामलों में यह तब भी सच होता है जब भारतीय कारोबार अपनी मूल कंपनी के मुकाबले बहुत छोटा होता है।
यह बात निवेशकों के इस विश्वास को दिखाती है कि भारत में आर्थिक विकास की तेज गति के कारण यहां बेहतर संभावनाएं हैं। इन मल्टीनेशनल कंपनियों में कई अमेरिकी कंपनी भी शामिल हैं। अमेरिका की इन कंपनियों की वैल्यूएशन भी भारत में मौजूद इनकी सहायक कंपनी की वैल्यूएशन के मुकाबले काफी कम है। यह जानकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपना माथा पीट लेंगे। क्योंकि ट्रंप ने हाल ही में भारतीय अर्थव्यवस्था को ‘मृत’ बताया था।
एलजी की भारतीय शाखा काफी आगे
एलजी की भारतीय शाखा को ही लें। वित्तीय वर्ष 2025 में इसका रेवेन्यू 24,367 करोड़ रुपये था। यह कंपनी 11,607 करोड़ रुपये जुटाने के लिए आईपीओ में लगभग 38 के P/E (प्राइस-टू-अर्निंग्स) अनुपात पर वैल्यूएशन मांग रही है। वहीं, इसकी मूल कोरियाई कंपनी ने साल 2024 में लगभग 82,500 करोड़ रुपये का रेवेन्यू बताया था। वह कंपनी लगभग 14 के P/E पर कारोबार करती है। इसके अलावा, भारतीय शाखा का मार्केट कैप 77,380 करोड़ रुपये है। यह इसकी मूल कंपनी के मार्केट कैप 82,492 करोड़ रुपये के काफी करीब है।
और भी कई कंपनियां शामिल
इस लिस्ट में सिर्फ एलजी का ही नाम शामिल नहीं है। ऐसी कई मल्टीनेशनल कंपनियां हैं जिनकी वैल्यूएशन मूल कंपनी के मुकाबले ज्यादा है। इनमें Unilever, Suzuki Motor, Nestle, Hyundai, ABB, Colgate, Siemens, Cummins, Abbott Labs, Honeywell, Schaeffler और Linde जैसी कंपनियां शामिल हैं। इन सभी मामलों में भारतीय सहायक कंपनी का राजस्व भले ही छोटा हो, लेकिन उसे अपनी MNC मूल कंपनी से बेहतर वैल्यूएशन मिलता है।
मार्केट कैप भी ज्यादा
कुछ दुर्लभ मामलों में तो भारतीय कंपनी का मार्केट कैप अपनी मूल कंपनी से भी ज्यादा होता है। Maruti Suzuki India और Schaeffler India ऐसी कंपनियां हैं। इनका रेवेन्यू अपनी MNC मूल कंपनियों से कम होने के बावजूद, मार्केट कैप उनसे ज्यादा है।
किस कंपनी का कितना P/E?
Hindustan Unilever का P/E 56 है] जबकि इसकी मूल कंपनी का P/E 17.3 है। Nestle India का P/E भी बहुत ज्यादा (70.3) है। इसकी तुलना में Nestle SA का P/E 17.7 है। ABB India का P/E 59 है, जबकि इसकी मूल कंपनी का P/E 27 है। इसी तरह, Cummins India का P/E 55 है और इसकी मूल कंपनी का P/E 15 है। ये आंकड़े भारतीय सहायक कंपनियों के प्रति निवेशकों के सकारात्मक दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हैं।