नेशनल हेराल्ड मामला:कांग्रेस ने ईडी द्वारा चार्ज शीट पेश करने का किया विरोध, भाजपा ने किया पलटवार

कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं के खिलाफ ईडी द्वारा चार्ज शीट पेश किए जाने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुधवार को पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपे। भोपाल में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ईडी दफ्तर पिंजरे में प्रतीकात्मक तोता लेकर पहुंचे। उन्होंने पुलिस को ज्ञापन के साथ ही पिंजरे में रखा तोता भी भेंट किया। भोपाल में ईडी का ऑफिस बीएसएनएल परिसर में ​है।

यहां ईडी ऑफिस के बोर्ड को पुलिस ने कांग्रेसियों के पहुंचने के पहले ही बैनर से ढक दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बोर्ड से बैनर हटाने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया। पुलिस ने मेन गेट बंद कर दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड्स पर चढ़ने की कोशिश की तो उन्हें पुलिस ने रोक दिया।

इसके बाद प्रदर्शनकारी ईडी ऑफिस के बाहर तेज धूप में सड़क पर लेटकर नारेबाजी करने लगे। पटवारी ने ईडी की कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताया और कहा कि भाजपा नेशनल हेराल्ड को लेकर पिछले 5 साल से माहौल बना रही है। विपक्ष को दबाने की साजिश रच रही है।

विपक्ष के 36 चुनिंदा नेताओं पर ईडी का दुरुपयोग किया गया, किसी पर दोष साबित नहीं हुआ, लेकिन 70 फीसदी नेताओं ने भाजपा ज्वाइन कर ली। वहीं प्रदेश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुआ। लेकिन कुछ स्थानों पर कार्यकर्ता सही जगह की तलाश में भटकते दिखाई दिए। इंदौर में कार्यकर्ता थाने पहुंच गए और पुलिस को ज्ञापन दे दिया।

भोपाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में जिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भोपाल स्थित ईडी के जोनल कार्यालय का घेराव किया। इस मौके पर पटवारी पिंजरे में प्रतीकात्मक तोता लेकर ईडी दफ्तर पहुंचे थे।

सीएम बोले– गलती छिपाने के लिए किया गया प्रदर्शन

कांग्रेस का प्रदर्शन चोरी और सीनाजोरी की मिसाल: वीडी

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कांग्रेस के प्रदर्शन को चोरी और सीनाजोरी की मिसाल बताया। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस झूठ, छल, कपट की राजनीति करती है। इसलिए भ्रष्टाचार छुपाने और गांधी परिवार को बचाने ईडी दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन कर रही है।

शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि नेशनल हेराल्ड का मामला 2012 में जब उजागर हुआ, तब यूपीए की सरकार थी। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर ही जांच और केस दर्ज हुआ। उन्होंने कहा कि चार्जशीट में नाम आना कानूनी मसला है, ना कि राजनीतिक।

इसलिए कांग्रेस को राजनीति करने की बजाय अदालत में जबाव देना चाहिए और संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने से बाज आना चाहिए। वहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भाजपा के एक कार्यक्रम में कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस मोटी चमड़ी की पार्टी है। खुद ही गलतियां करती है और फिर ईडी कार्यालय के बाहर धरना देती है। संविधान की दुहाई देती है जिसने खुद की सरकारों में संविधान में कई बदलाव कराए हैं।

राजनीतिक पार्टी प्राइवेट कंपनी को कैसे दे सकती है लोन

शर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के धन से स्थापित नेशनल हेराल्ड अखबार की संपत्ति हड़पी गई है और इसे काले धन को सफेद करने का माध्यम बनाया गया। इसे नेहरू खानदान की जागीर बताने वालों को पता होना चाहिए कि हेराल्ड में 5 हजार शेयर होल्डर थे।

2008 में इसे बंद कर 90 करोड़ रुपए का कांग्रेस ने लोन दिया। इसके बाद इसे यंग इंडिया नाम की कंपनी को ट्रांसफर कर दिया जिसके 38-38% शेयर सोनिया और राहुल गांधी के पास थे। आखिर कांग्रेस एक राजनैतिक पार्टी है और किसी प्राइवेट कंपनी को लोन कैसे दे सकती है? और इसके शेयर कैसे ट्रांसफर किए जा सकते हैं?

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