हमास के आगे घुटने टेकेंगे नेतन्याहू! गाजा समझौते में बंधकों की रिहाई के बदले सबसे खतरनाक कमांडरों को छोड़ सकता है इजरायल

तेल अवीव: गाजा के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शांति समझौते पर इजरायल और हमास ने सहमति दी है। इससे अक्टूबर, 2023 से चल रहे युद्ध के रुकने और बंधकों-कैदियों की रिहाई की उम्मीद बंधी है। डील के तहत फिलिस्तीनी गुट हमास सभी इजरायली बंधकों को छोड़ेगा। वहीं इजरायल अपनी जेलों में बंद दो हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। इन कैदियों में कई ऐसे नाम हैं, जिनको इजरायल खूंखार आतंकी कहता है और इजरायली अदालतों ने इनको उम्रकैद की सजा सुनाई है। ऐसे कैदियों की रिहाई को लेकर इजरायल में चर्चा है और कई तरह की बातें कही जा रही हैं।
इजरायल नेशनल न्यूज के मुताबिक, मौजूदा बंधक समझौते में इजराइल को 7 अक्टूबर के हमले बाद से गिरफ्तार किए गए 1,700 से ज्यादा गाजावासियों के साथ-साथ उम्रकैद की सजा काट रहे 250 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करना है। इनमें इब्राहिम हमद समेत कई हाई-प्रोफाइल कैदी शामिल हैं। हमद को इजरायल कई बम विस्फोट और हमलों को जिम्मेदार मानता है।
हमद पर कई ब्लास्ट के मामले
इजरायली मीडिया का दावा है कि हमद ने 2002 में कैफे मोमेंट में बम विस्फोट की योजना बनाई थी, जहां 11 लोग मारे गए और 65 घायल हुए। साल 2002 में रिशोन लेजियन के शेफील्ड क्लब के हमले में हमद का हाथ था, जहां 15 लोग मारे गए। हिब्रू विश्वविद्यालय में हुए हमले में इजरायल ने हमद को जिम्मेदार माना है। इजराइल ने साल 2011 के शालिट समझौते में हमद को रिहा करने से इनकार कर दिया था। हालांकि इस समझौते में उसे छोड़ा जा सकता है।
अहमद सआदत का भी नाम
इजरायल की जेल से 72 वर्षीय कैदी अहमद सआदत को भी छोड़ा जा सकता हैं। अहमद पर 2001 में यरुशलम के एक होटल में पर्यटन मंत्री रेहावम जीवी की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा था। इस मामले में अहमद को 30 साल जेल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा अब्बास अल-सईद का नाम भी रिहा होने वाले कैदियों में हो सकता है। अब्बास को 2002 में नेतन्या के पार्क होटल बम विस्फोट में सजा मिली है।