बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में 20 लाख की नई प्रिंटिंग मशीन

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) ने 50 साल के बाद अपने मुद्रणालय (प्रेस) को मॉडर्न ऑफसेट मशीन से अपग्रेड कर दिया है। लगभग 20 लाख रुपए की इस नई प्रिंटिंग प्रेस मशीन का उद्घाटन कुलगुरु प्रो. सुरेश कुमार जैन ने किया। नैक से ‘ए-ग्रेड’ मिलने के बाद यह विश्वविद्यालय के आधुनिकीकरण की दिशा में अगला बड़ा कदम माना जा रहा है।

नई मशीन लगने से आंसर बुकलेट, रजिस्टर, नोटिस, फॉर्म, विभागीय प्रकाशन, पत्रिकाएं, आईडी, रिकॉर्ड बुक, लैब व प्रैक्टिकल की प्रिंट सामग्री जैसी अधिकांश जरूरतें अब कैंपस में ही पूरी हो सकेंगी। जिससे समय और खर्च दोनों की बचत होगी तथा गुणवत्ता पर विश्वविद्यालय का सीधा नियंत्रण रहेगा।

50 साल पुरानी व्यवस्था में बदलाव अब तक प्रिंटिंग प्रेस में तीन 50 साल पुरानी मशीनें थीं, जिनका उपयोग नाम मात्र का रह गया था और वे अक्सर खराब हो जाती थीं। प्रिंटिंग के ज्यादातर कामों के लिए निजी एजेंसियों पर निर्भर रहना पड़ता था। मुद्रणालय प्रभारी प्रो. पवन मिश्रा के अनुसार नई ऑफसेट मशीन के आने से नियमित और बड़े टर्न अराउंड वाले कार्य समय पर पूरे होंगे। साथ ही, आपात या अंतिम समय की जरूरतें भी कैंपस के भीतर ही पूरी हो जाएंगी।

यह मिलेगा फायदा

  • तेज टर्न अराउंड: नोटिस, फॉर्म, रजिस्टर, आंसर बुकलेट, विभागीय पत्रिकाएं और पुस्तिकाएं जल्दी मिलेंगी। सेशन के पीक टाइम में भी आउटपुट बना रहेगा।
  • कीमत में बचत: निजी एजेंसियों पर निर्भरता घटने से मुद्रण पर होने वाला अतिरिक्त खर्च कम होगा। आंतरिक संसाधन का बेहतर उपयोग होगा।
  • क्वालिटी कंट्रोल: कागज, प्रिंट और बाइंडिंग की गुणवत्ता पर विश्वविद्यालय का सीधा नियंत्रण रहेगा। एक समान ब्रांडिंग और फॉर्मेट सुनिश्चित होगा।
  • गोपनीयता और रिकॉर्ड-कीपिंग: प्रशासन से जुड़े कई दस्तावेज कैंपस में ही बने और सुरक्षित संग्रहित होंगे। जिससे लीक व मिसमैच की आशंका घटेगी।
  • रोजगार व कौशल बढ़ोतरी: प्रेस यूनिट में तकनीकी स्टाफ के कौशल का इस्तेमाल व उन्नयन होगा। संचालन की निरंतरता से आंतरिक क्षमता मजबूत होगी।

क्वेश्चन पेपर यहां प्रिंट नहीं होंगे विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि क्वेश्चन पेपर इस मशीन पर प्रिंट नहीं किए जाएंगे। प्रश्न पत्रों के लिए अलग, सुरक्षित और सीलिंग-निगरानी युक्त सेटअप निर्धारित है ताकि किसी प्रकार की गोपनीयता भंग या पेपर लीक की आशंका न रहे। नई मशीन का इस्तेमाल केवल गैर-गोपनीय/नियमित मुद्रण सामग्री के लिए किया जाएगा।

कुलगुरु प्रो. सुरेश कुमार जैन ने कहा कि नई मशीन विश्वविद्यालय के स्वावलंबन और दक्षता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उद्घाटन अवसर पर सहायक कुलसचिव सुनील नायक और मुद्रणालय प्रभारी प्रो. पवन मिश्रा उपस्थित रहे। स्थापना के दौरान मो. शफीक खान, नावेद अख्तर, रहीम खान सहित कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

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