पुलिस ट्रेनिंग में नए जवान रामायण पढ़ें:नए आरक्षकों ने ट्रांसफर मांगे तो ADG ने दी सलाह

मध्यप्रदेश पुलिस भर्ती में नए कॉन्स्टेबल ट्रेनिंग के दौरान रामायण पाठ करेंगे। ये सलाह पुलिस मुख्यालय के एडीजी (प्रशिक्षण) राजाबाबू सिंह ने दी है। पुलिस में सिलेक्ट होकर आए नए जवान इस सुझाव को अच्छा मान रहे हैं। वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता फिरोज सिद्दीकी ने कहा, देश संविधान से चलेगा और भारत का संविधान सर्व धर्म समभाव और धर्मनिरपेक्ष है। पुलिस मुख्यालय से कॉन्स्टेबल ट्रेनिंग के लिए जो निर्देश जारी किए गए हैं कि एक धर्म विशेष का धार्मिक ग्रंथ पढ़ाया जाए। इसका कोई विरोध नहीं है, लेकिन धर्म व्यक्तिगत आस्था का विषय है। सरकार का कोई धर्म और जाति नहीं है। इस देश में सभी धर्मों का बराबरी से सम्मान होता है। किसी को भी कोई धार्मिक ग्रंथ पढ़ने के लिए बाध्य न किया जाए।

‘रामजी के वनवास के आगे ये ट्रेनिंग कुछ भी नहीं’ ट्रेनिंग ले रही कॉन्स्टेबल उस्मानी शबनम ने कहा, साहब ने बताया कि राम जी ने किस तरह 14 साल का वनवास लिया था। उसके सामने तो ये पुलिस ट्रेनिंग कुछ भी नहीं है। इससे हमें सीख लेना चाहिए कि परिवार से दूर रहकर हम भी देशभक्ति कर सकें। रामचरितमानस का पाठ करने से हमें रामजी के आचरण पर चलने और अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठावान रहने की सीख मिलेगी।

‘रामायण पाठ करने से हम मोटिवेटेड रहेंगे’ कॉन्स्टेबल अयान महमूद खान ने कहा, राम जी हमारे प्रेरणा स्रोत हैं। यहां अच्छे से ट्रेनिंग करके निकलेंगे और देश की सेवा करेंगे। रामचरित मानस पढ़ने का अच्छा सुझाव दिया है। इससे हम मोटिवेटेड रहेंगे और हमारा मन शांत रहेगा। दिन भर की थकान के बाद अगर हम शाम को इसका पाठ करते हैं तो हमें मेंटली पीस मिलेगा। एडीजी सर का अच्छा सजेशन है, हम लोग भी इसे ट्राय करेंगे।

ट्रेनिंग से एक दिन पहले की कॉन्स्टेबलों से बात बुधवार 23 जुलाई से मप्र के आठ पुलिस ट्रेनिंग स्कूलों में करीब 4 हजार नए पुलिस आरक्षकों की ट्रेनिंग शुरू हुई। जून में पुलिस की नौकरी में चयनित होकर आए करीब 600 आरक्षकों ने अपने गृह जिले के करीब वाले पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (PTS) में तबादला करने के आवेदन दिए। बड़ी संख्या में जब नए आरक्षकों की ट्रेनिंग के पहले ही तबादलों के आवेदन और सिफारिशें आईं तो एडीजी ने प्रशिक्षण शुरू होने एक दिन पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इसके जरिए सभी आठ पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के एसपी और नए कॉन्स्टेबलों से बात की।

ट्रांसफर एप्लिकेशन से परेशान होकर दी सलाह एडीजी (प्रशिक्षण) राजाबाबू सिंह ने बताया, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (पीटीएस) चेंज करने के लिए बहुत सारे एप्लिकेशन आ रहे थे। पीटीएस बदलवाने के लिए भीड़ लगी हुई थी। ज्यादातर एप्लिकेशन में लिखा है- छिंदवाड़ा का रहने वाला हूं, मुझे पीटीएस पचमढ़ी में कर दिया जाए। मैं चंबल का रहने वाला हूं, पीटीएस तिघरा कर दिया जाए। कोई कह रहा था मां बीमार तो किसी के पिता बीमार हैं।

मंगलवार को एडीजी राजाबाबू सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ट्रेनिंग लेने पहुंचे कॉन्स्टेबलों से कहा, भगवान राम ने 14 साल का वनवास स्वीकार किया था। भगवान जब माता-पिता की आज्ञा मानने के लिए 14 साल वन में रह सकते हैं तो आप अपने ट्रेनिंग के लिए घर-परिवार से दूर नहीं रह सकते।

आप भगवान राम के जीवन को देखिए, रावण से लड़ने के लिए वानरों की सेना तैयार की और लंका पर विजय प्राप्त की। मेरा सुझाव है कि जो नए आरक्षक हैं वो रोज सोने से पहले रामचरितमानस का पाठ करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button