अब कड़ाके की सर्दी का नंबर:भोपाल और इंदौर में आज भी शीतलहर की संभावना, 3 महीने तेज रहेगी सर्दी

नवंबर में पिछले 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ चुकी सर्दी का पीक इस बार फरवरी तक बना रह सकता है। नवंबर में 16 दिन शीतलहर चली, जबकि 18 दिन न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे रहा। मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला का कहना है कि नवंबर में जो हुआ, वह भोपाल की जलवायु में किसी एक्सट्रीम इवेंट से कम नहीं है।

आमतौर पर नवंबर के आखिरी सप्ताह में ठंड की शुरुआत होती है, पर इस बार नवंबर के सिर्फ सात दिन बीतते ही कड़ाके की ठंड पड़ने लगी। 8 नवंबर से शुरू हुआ शीतलहर का दौर 21 नवंबर तक चला। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक दिसंबर और जनवरी इस साल सबसे कठिन महीने होंगे।

भोपाल में फिर शीतलहर : भोपाल में रविवार को न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री गिरकर 8.2 डिग्री पर आ गया। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक भोपाल और इंदौर में सोमवार को भी शीतलहर चलने की संभावना है।

चार बिंदुओं में समझिए सर्दी का सार

1) ला नीना ने दिया ठंड को लंबा धक्का मौसम केंद्र भोपाल के रिटायर्ड डायरेक्टर डी.पी. दुबे बताते हैं कि वैश्विक मौसम मॉडल (विश्व मौसम संगठन, भारत मौसम विज्ञान विभाग आदि) संकेत दे रहे थे कि इस बार ला नीना सक्रिय रहेगा। ला नीना का मतलब, प्रशांत महासागर का ठंडा होना। जैसे ही समुद्र ठंडा होता है, हवा और ज्यादा ठंडी होकर एशिया-भारत की ओर दबाव से धकेली जाती है। यह वही ठंड है जिसने नवंबर से ही मध्य भारत को जकड़ लिया।

2) पहाड़ों पर जल्दी बर्फबारी, ठिठुरन बढ़ाई इस बार उत्तर भारत में हिमाचल, उत्तराखंड और कश्मीर में बर्फबारी सामान्य से काफी पहले शुरू हो गई। ऊंचे पर्वतीय इलाकों की जल्दी बर्फबारी मध्य भारत की ठिठुरन को 20 से 30% तक बढ़ा देती है।

3) ठंडी हवाएं 25% ज्यादा अंदर तक घुसीं ठंड का असर सिर्फ सतह तक नहीं रहा। इस साल ग्वालियर-चंबल, भोपाल-विदिशा, रतलाम-मंदसौर, सागर-दमोह इन चार बड़े मौसम जोन में ठंडी हवाएं 20 से 25% ज्यादा गहराई तक घुस आईं।

4) पश्चिमी विक्षोभ का लगातार सक्रिय रहना पश्चिमी विक्षोभ जब सक्रिय होता है, तो हल्की सर्दी की बारिश (मावठा) होती है। तापमान 4 से 6 डिग्री तक गिर जाता है। इसीलिए भोपाल, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम में बारिश ठंड को तेज करेगी। इंदौर-देवास, भोपाल-सीहोर, ग्वालियर-मुरैना में दिन का पारा कई बार 4 से 6 डिग्री तक गिरकर कोल्ड-डे ला सकता।

अगले 3 महीने का पूर्वानुमान

  • दिसंबर… ठंड का असली दौर शुरू होगा। भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर, सागर में रात का तापमान 2 से 4 डिग्री तक नीचे जाएगा। 5 से 7 दिन कोहरा, 2 से 3 दिन मावठा और 3 से 4 दिन कोल्ड-डे रह सकता है।
  • जनवरी… सबसे ज्यादा कठिन महीना रहेगा। भोपाल-विदिशा, ग्वालियर-मुरैना, इंदौर-देवास और होशंगाबाद-पिपरिया में रात का तापमान कई दिन 3 से 4 डिग्री तक आ सकता है। इसके अलावा 8 से 10 दिन घना कोहरा, 3 से 5 दिन मावठा और 5 से 7 दिन कोल्ड-डे की स्थिति रहेगी।
  • फरवरी… ठंड दिन में थोड़ी कम होगी, पर सुबहें ठंडी रहेंगी। कोहरा 2 से 3 दिन, मावठा 1 से 2 दिन।

ये 4 रिकॉर्ड नवंबर में ही टूट चुके हैं…

1 भोपाल में नवंबर में अब तक का सबसे कम तापमान 17 नवंबर को न्यूनतम पारा 5.2 डिग्री सेल्सियस रहा। यह अब नवंबर का नया ऐतिहासिक रिकॉर्ड है। 2 सर्दी के किसी भी सीजन में लगातार सबसे लंबी शीतलहर चली, 16 दिन का सिलसिला। 3 नवंबर के 30 दिन में 11 दिन 8 डिग्री के आसपास रहा पारा। नवंबर में इतनी बार पारा 8 डिग्री के करीब नहीं रहा। 4 ठंड का सबसे लंबा पहला दौर। नवंबर के शुरुआती चरण में ही 16 दिन लगातार कड़कड़ाती ठंड।

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