आईटीआर भरने के लिए अब नहीं करनी होगी माथापच्ची, दिसंबर तक आ जाएंगे सरल फॉर्म

नई दिल्ली: इनकम टैक्स विभाग सरल आईटी फॉर्म्स पर काम कर रहा है। इसका मसकद है कि नए आईटी कानून को लागू करने के लिए दिसंबर तक नए नियम नोटिफाई कर दिए जाएं। यह नया कानून अगले साल 1 अप्रैल से लागू होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के सदस्य (विधि) आर एन परबत ने सोमवार को कहा कि आयकर विभाग सरल आईटी फॉर्म पर काम कर रहा है। अगले साल 1 अप्रैल से लागू होने वाले नए आयकर अधिनियम को प्रभावी बनाने के लिए दिसंबर के अंत तक नए नियमों को अधिसूचित करने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने यह भी कहा कि विभाग नए आयकर अधिनियम पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों का एक नया सेट और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तथा मार्गदर्शन नोट जारी करेगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 21 अगस्त को आयकर अधिनियम, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी। यह पुराने आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान लेगा। संसद में इसे 12 अगस्त को मंजूरी मिली थी। परबत ने प्रक्रियाओं के अगले चरण के बारे में बताते हुए कहा कि सीबीडीटी पहले से ही नए नियम बनाने और करदाताओं को शिक्षित करने के साथ-साथ अपने अधिकारियों की क्षमता निर्माण पर काम कर रहा है, ताकि वे नए अधिनियम को समझने और लागू करने की स्थिति में हों।
चीजों की पहचान
उन्होंने कहा, ‘नियमों को नए सिरे से तैयार करने के लिए जिन सिद्धांतों का पालन किया जा रहा है, वे वही हैं जो हमने आयकर अधिनियम के लिए अपनाए थे। यानी भाषा को सरल बनाया जाएगा। अनावश्यक नियमों को कानून से हटा दिया जाएगा और नए अधिनियम के लिए नए नियम और फॉर्म लागू होंगे।’ सीबीडीटी ने नियम बनाने का काम 13 फरवरी, 2025 को शुरू किया था। उसी दिन संसद में आयकर विधेयक पेश किया गया था। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एक मुख्य आयुक्त स्तर के अधिकारी के अंतर्गत ‘नियम और फॉर्म’ समिति का गठन किया था।
टैक्स फॉर्म में बदलाव
सीबीडीटी के सदस्य ने कहा, ‘नया आयकर अधिनियम 1 अप्रैल, 2026 से लागू हो रहा है। इसलिए हमारे नियम और फॉर्म तैयार होने चाहिए ताकि हम नए अधिनियम को लागू कर सकें। इसलिए, हम उन्हें तुरंत तैयार करेंगे। नियम साल के अंत तक यानी दिसंबर, 2025 तक तैयार हो जाएंगे।’ टैक्स फॉर्म में बदलावों के संबंध में सीबीडीटी सदस्य ने कहा कि आयकर अधिनियम के तहत लागू टीडीएस तिमाही रिटर्न फॉर्म, आईटीआर फॉर्म जैसे विभिन्न फॉर्म पर फिर से काम किया जा रहा है और इन्हें लागू करने पर काम जारी है।