थाईलैंड-कंबोडिया के बीच आज मलेशिया में शांति वार्ता:ट्रम्प बोले– दोनों में संघर्ष सुलझाना आसान काम

मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आज यानी सोमवार, 28 जुलाई को थाईलैंड और कंबोडिया के नेताओं के बीच शांति वार्ता होगी। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के चलते बीते दिनों में भारी गोलीबारी हुई है।
इसमें 33 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में ज्यादातर आम नागरिक शामिल हैं।
इस बैठक में थाईलैंड की तरफ से कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई और कंबोडिया की तरफ से प्रधानमंत्री हुन मानेट हिस्सा लेंगे। इस बैठक की अध्यक्षता मलेशिया करेगा।
मलेशिया इस समय दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन ASEAN की अध्यक्षता कर रहा है। उसने दोनों देशों को बातचीत की मेज पर बुलाया है।
ट्रम्प बोले- संघर्ष रुकवाना आसान काम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को कहा कि थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्ष को सुलझाना उनके लिए आसान काम है, क्योंकि उन्होंने पहले भारत और पाकिस्तान के बीच का विवाद भी सुलझाया है।
ट्रम्प ने यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से मुलाकात के दौरान कहा कि उन्होंने थाईलैंड और कंबोडिया के नेताओं को चेतावनी दी है कि अगर युद्ध नहीं रुका, तो अमेरिका व्यापारिक समझौता नहीं करेगा।
इधर, अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प की दोनों राष्ट्र प्रमुखों से बातचीत के बाद भी रविवार सुबह थाईलैंड और कंबोडिया ने फिर एक-दूसरे पर तोपों से हमला करने का आरोप लगाया।
इससे पहले ट्रम्प ने शनिवार को भी दावा किया था कि थाईलैंड और कंबोडिया के नेताओं ने तुरंत सीजफायर वार्ता पर सहमति दे दी है। ट्रम्प ने कहा कि यह वॉर मुझे भारत-पाक संघर्ष की याद दिलाती है, जिसे हमने कामयाबी से रोका था।
ट्रम्प ने शनिवार को भी व्यापार समझौता रोकने की धमकी दी थी
अमेरिकी राष्ट्रपति ने शनिवार को स्कॉटलैंड यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर लिखा था कि तीन दिन से जारी सीमा विवाद के बीच उन्होंने दोनों देशों से सीधे बात की और साफ किया कि अगर संघर्ष जारी रहा तो अमेरिका कोई व्यापार समझौता नहीं करेगा। ट्रम्प ने लिखा-

दोनों पक्ष तत्काल युद्धविराम और शांति चाहते हैं। मैंने कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट और थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई से अलग-अलग बात की है।
इधर, थाई प्रधानमंत्री फुमथम ने ट्रम्प को धन्यवाद देते हुए कहा था कि थाईलैंड सीजफायर के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए कंबोडिया का भी सीरियस होना जरूरी है।
थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष में मौत का आंकड़ा 33 हुआ
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच एक हजार साल पुराने दो शिव मंदिरों को लेकर शुरू हुआ संघर्ष अभी भी जारी है। इस संघर्ष में अब तक 33 लोगों की मौत हो गई है।
कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक लड़ाई में उसके 13 लोगों की मौत हुई है। इनमें 8 नागरिक और 5 सैनिक शामिल हैं। इसके अलावा 71 लोग घायल हुए हैं। वहीं, थाईलैंड के भी 20 लोग मारे गए हैं। इनमें 14 नागरिक और 6 सैनिक शामिल है।
कंबोडिया ने थाईलैंड पर जानबूझकर हमला करने का आरोप लगाया
कंबोडिया ने थाईलैंड पर जानबूझकर हमला करने का आरोप लगाया है और कहा है कि थाई सेना उनकी संप्रभुता का उल्लंघन कर रही है।
कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट ने शनिवार को दावा किया कि मलेशिया की मध्यस्थता में 24 जुलाई की रात दोनों ही देश सीजफायर पर समहत हुए थे, लेकिन समझौते पर पहुंचने के 1 घंटे से भी कम वक्त में थाईलैंड ने अपना रुख बदल दिया और समझौते से हट गया।
UN सुरक्षा परिषद की इमरजेंसी बैठक में कंबोडिया ने जंग को रुकवाने की मांग की है। इस मीटिंग में थाईलैंड ने कंबोडिया पर सीमावर्ती इलाके में बारूदी सुरंगें बिछने का आरोप लगाया। थाई राजदूत ने कहा कि कंबोडिया ने ही हमले शुरू किए।
संयुक्त राष्ट्र ने कूटनीतिक समाधान निकालने को कहा
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क में बंद कमरे में एक आपात बैठक की। इसमें सभी 15 देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान निकालने की अपील की।
कंबोडिया के UN राजदूत छेआ कीओ ने कहा,

हम बिना शर्त युद्धविराम चाहते हैं। हमारी कोई आक्रमण की मंशा नहीं है, हम एक छोटा देश हैं, हमारे पास एयरफोर्स तक नहीं है।
विवाद को देखते हुए थाईलैंड स्थित भारतीय दूतावास ने एक ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। इसमें भारतीय नागरिकों से थाईलैंड और कंबोडिया सीमा के पास 7 राज्यों में जाने से बचने की अपील की गई है।
इनमें उबोन रत्चथानी, सुरिन, सिसाकेत, बुरीराम, सा काओ, चंथाबुरी और ट्राट शामिल हैं। इसके अलावा इमरजेंसी की स्थिति में दूतावास से संपर्क करने के लिए कहा गया है।
कंबोडिया बोला- थाईलैंड और हमले की तैयारी कर रहा
कंबोडिया ने जंग शुरू होने के बाद पहली बार हताहतों की संख्या बताई है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अब तक 13 लोगों की मौत हुई है, जिसमें 5 सैनिक हैं। वहीं, 71 घायल हुए हैं, जिसमें 21 सैनिक हैं।
सबसे ज्यादा नुकसान ओड्डार मीनचे प्रांत में हुआ है। लड़ाई की वजह से हजारों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पलायन करना पड़ा है। कंबोडिया में 35 हजार से ज्यादा लोगों को पलायन करना पड़ा है। ओड्डार मीनचे में 22,000 लोग पलायन कर गए हैं, जबकि प्रीह विहियर में 10,000 से ज्यादा लोग पलायन कर गए हैं।