पेट्रोल पंप संचालक का दावा-:15 विभागों की अनुमति से खुला पंप अतिक्रमण कैसे

सुनवाई में 40 से ज्यादा अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर बुलाया था

कोकता में पशुपालन विभाग की 99 एकड़ जमीन पर कब्जे के मामले में गुरुवार को गोविंदपुरा तहसीलदार सौरभ वर्मा की कोर्ट में सुनवाई हुई। 40 से ज्यादा अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर बुलाया गया था। इसमें अवैध कॉलोनी डायमंड सिटी के 16, कोर्टयार्ड प्राइम कॉलोनी के संचालकों, निगम के पेट्रोल पंप संचालक सहित अन्य मकान मालिकों समेत निगम के अफसरों और एनएचएआई अफसरों को भी बुलाया गया था।

दोपहर 2 बजे शुरू हुई सुनवाई देर शाम तक चलती रही। इस दौरान अतिक्रमणकारियों ने जवाब पेश किए। हैरानी की बात ये है कि पशुपालन विभाग की जमीन पर 50 दुकानें बनाकर बेचने वाले अफसर सुनवाई के दौरान नहीं पहुंचे और न ही एनएचएआई के अफसर आए, जिन्होंने पशुपालन विभाग की जमीन से बायपास निकाल दिया।

10 हजार वर्गफीट पर कब्जा बताया था

अपने जवाब में ज्यादातर लोगों ने सीमांकन को गलत ठहराया। सीमांकन में कोकता में नगर निगम की लीज पर बने एचपी पेट्रोल पंप का करीब 10 हजार वर्गफीट पर कब्जा बताया गया है। पंप संचालक अवध नारायण मालवीय का कहना है कि उन्होंने नगर निगम की नीलामी में प्लॉट लिया था।

ये पंप के लिए ही आरक्षित थी। करीब 1 करोड़ 50 लाख रुपए नीलामी की राशि भी जमा करने के बाद ये पंप आवंटित किया गया था। पंप खोलने से पहले नगर निगम सहित 15 विभागों की अनुमति लगती है। उसके बाद कलेक्टर की एनओसी के बाद पंप खुलता है। जब सबकुछ प्रक्रिया के तहत हुआ है तो हमारी कहां गलती है?

हाई कोर्ट में किया आवेदन

डायमंड सिटी के बलवीर सिंह मेहरा ने तर्क ​दिया कि नक्शे में 1 एकड़ जमीन गायब दिखाई गई है। सीमांकन गलत है, हाई कोर्ट में आवेदन किया है। शुभम राय ने कहा- प्लॉट की रजिस्ट्री व नामांतरण तहसील से हुआ। अतिक्रमण कैसे मान लिया। बिल्डर सुधीर शर्मा ने कहा कि कॉलोनी के लिए नजूल एनओसी व टीएंडसीपी से अनुमति लेकर रास्ता बनाया। रिजवान मोहम्मद ने जमीन को पैतृक बताया। सभी ने कहा- सीमांकन रद्द हो, यह गलत हुआ।

जिन अतिक्रमणकारियों को नोटिस दिए गए थे, उनसे जवाब लिए गए हैं। कुछ लोग नहीं आ पाए, उन्हें एक-दो दिन का समय दिया गया है। जवाब के बाद अब नियमानुसार तय करेंगे कि क्या कार्रवाई होगी। हमने नियमानुसार ही सीमांकन किया है। सौरभ वर्मा, तहसीलदार, गोविंदपुरा


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