PM इंटर्नशिप योजना 4 खामियां दूर करके फिर लागू होगी:न्यूनतम उम्र 18 साल होगी, स्टाइपेंड बढ़ेगा

पीएम इंटर्नशिप योजना के पहले दो राउंड के नतीजे निराशाजनक रहे। इसके बाद केंद्र सरकार ने शीर्ष संस्थाओं से अध्ययन कराया। इसमें कंपनी की लोकेशन, एज लिमिट जैसी चार खामियां सामने आईं। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने इन खामियों को दूर करके योजना को लागू करने का रोड मैप बनाया है।

नए प्लान को पीएम कार्यालय को सौंप जाएगा और 2026-27 में 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक बजट के साथ स्कीम लागू होगी। फिलहाल इसका बजट 380 करोड़ रुपए है। वहीं इंटर्न की न्यूनतम उम्र सीमा 21 से घटाकर 18 साल होगी। स्टाइपेंड भी बढ़ेगा। इंटर्नशिप अवधि 6 माह से एक साल हो सकती है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 बजट भाषण में योजना की घोषणा की थी। इसके तहत 5 सालों में 1 करोड़ युवाओं के देश की टॉप 500 कंपनियों में पेड इंटर्नशिप दी जानी थी। इसके रजिस्‍ट्रेशन भी 15 नवंबर तक हुए थे। हालांकि, खामियों के चलते इसे रोक दिया गया।

योजना में 4 बड़ी खामियां सामने आईं 

सरकार ने आर्थिक मामलों की संसदीय समिति को बताया- पहले दो चरणों के नतीजे का आईआईएम बेंगलुरु, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, सिंबायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स ने अध्ययन किया। कंपनियों के फीडबैक और अभ्यार्थियों के जवाब की पड़ताल में कम भागीदारी के चार प्रमुख कारण सामने आए।

  1. कंपनी की लोकेशन महत्वपूर्ण है। उम्मीदवार के लिए पहली पसंद 5 से 10 किमी की दूरी तक रही।
  2. इंटर्नशिप अवधि सामान्य स्किल प्रोग्राम से लंबी है।
  3. जो ऑफर दिए, उनमें उम्मीदवारों की रुचि नहीं थी।
  4. आईटीआई, पॉलिटेक्निक के लिए उम्र सीमा घटाने के अनुरोध आए।

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