मणिपुर हिंसा पर भागवत के बयान पर गरमाई सियासत

रायपुर.

मणिपुर हिंसा पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत  (RSS chief Mohan Bhagwat) के बयान पर सियासत गरमा गई है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि मोहन भागवत और प्रधानमंत्री मोदी के बयानों में विरोधाभास है। बघेल (Chhattisgarh Chief Minister Bhupesh Baghel) ने कहा कि भाजपा सरकार का दावा है कि उसके शासन में सीमाएं सुरक्षित हैं जबकि आरएसएस प्रमुख मणिपुर हिंसा में बाहरी तत्वों की भूमिका की ओर इशारा कर रहे हैं।

CM बघेल ने संवाददाताओं से कहा- एक तरफ हमारे विश्वगुरु हैं जो कहते हैं कि भारतीय सीमाएं सुरक्षित हैं। दूसरी तरफ हमारे मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) कहते हैं कि इसमें बाहरी ताकतें शामिल हैं। मोदी जी और भागवत की बातों में विरोधाभास है। बता दें कि मोहन भागवत ने मंगलवार को नागपुर में आरएसएस की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए पूर्वोत्तर राज्य के हालात के लिए बाहरी ताकतों को कसूरवार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा प्रायोजित थी। भागवत ने सवाल किया कि ऐसे में जब इस सीमावर्ती राज्य में मेइती और कुकी समुदाय के लोग कई वर्षों से साथ रहते आ रहे हैं, फिर इस तरह के अलगाववाद और आंतरिक संघर्ष से किसे फायदा होता है? वहां जो कुछ भी हुआ, क्या उसमें बाहर के लोग शामिल थे?

भागवत ने आरोप लगाया कि तथाकथित मार्क्सवादी देश की शिक्षा एवं संस्कृति को बरबाद करने के लिए मीडिया और शिक्षा जगत में अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर रहे हैं। सवाल यह कि मणिपुर में अशांति और अस्थिरता का फायदा उठाने में किन विदेशी ताकतों की दिलचस्पी हो सकती है? क्या इन घटनाक्रमों में दक्षिण-पूर्व एशिया की भूराजनीति की भी कोई भूमिका है? इसके साथ ही भागवत ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भावनाएं भड़काकर वोट हासिल करने की कोशिशों के प्रति आगाह किया।

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