ईद की नमाज में देश-फिलिस्तीन के लिए मांगी दुआ:भोपाल में मुल्क की सलामती, इंसाफ और फिलिस्तीनी लोगों की हिफाजत के लिए उठे हाथ

राजधानी भोपाल में आज ईद-उल-अजहा (बकरीद) के मौके पर हजारों मुसलमानों ने नमाज अता कर मुल्क और फिलिस्तीन के लिए दुआ की। ईदगाह में शहरकाजी मुश्ताक अली नदवी, ताजुल मसाजिद में मौलाना हस्सान साहब ने नमाज पढ़ाई। नमाज के दौरान मुल्क की सलामती, इंसाफ के कयाम और बीमारों की शिफा, फिलिस्तीनी भाइयों की हिफाजत, उनकी भूख-प्यास और हालात को लेकर दुआ मांगी गई।
शहर की मोती मस्जिद, जामा मस्जिद, मस्जिद बिल्किस जहां (आरिफ नगर) सहित शहर की विभिन्न मस्जिदों में भी अपने निर्धारित समय पर नमाज अता की गई। शहर काजी मुश्ताक अली नदवी ने अमनो अमान और अच्छी बारिश के साथ ईद की नमाज का समापन किया। शहरकाजी मुश्ताक अली नदवी और ताजुल मसाजिद में मौलाना हस्सान साहब ने सूफियों, ऋषि-मुनियों और बुजुर्गों की मोहब्बत वाली राह पर चलाने की दुआ मांगी।
दुआ में शामिल थीं ये अहम बातें:
- मुल्क में अमन-ओ-शांति और इंसाफ कायम हो, इसकी दुआ की गई।
- मुल्क की सरहदों और सलामती के दुश्मनों से हिफाजत की दुआ मांगी गई।
- बीमारों को शिफा और परेशान हाल लोगों को राहत देने की इल्तिजा की गई।
- फिलिस्तीन में जुल्म झेल रहे मासूमों, भूख-प्यास से जूझ रहे बच्चों और औरतों की राहत के लिए दुआ की गई।
- दुश्मनों के नेस्तनाबूद होने और मजलूमों को सब्र और राहत मिलने की कामना की गई
- उलेमा-ए-इकराम, सूफियों, ऋषियों और बुजुर्गों की तरह मोहब्बत और प्रेम से जीने की खता (तौफीक) फरमा।
- मुल्क में अमन, इंसाफ और भाईचारा कायम रहे।
- मजलूमों को सब्र और पूरी दुनिया में इंसानियत को फतह हासिल हो।
राजधानी भोपाल में आज ईद-उल-अजहा (बकरीद) पूरी अकीदत और एहतराम के साथ मनाई जा रही है। इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक जिलहिज्जा की 10वीं तारीख को मनाई जाने वाली ईद की घोषणा शहरकाजी मुश्ताक अली नदवी ने बुधवार को मोती मस्जिद में मगरिब की नमाज के बाद चांद दिखने पर की थी।
ईदगाहों और मस्जिदों में आज सुबह से ही नमाज अता की जा रही है। ईदगाह में नमाज का समय सुबह 6:30 बजे था, इसके बाद ताजुल मसाजिद में 6:45 बजे, जामा मस्जिद में 7 बजे, मोती मस्जिद में 7:15 बजे और मस्जिद बिल्किस जहां (आरिफ नगर) में 7:30 बजे ईद की नमाज अता की गई।
शहर काजी नदवी ने कहा कि कुर्बानी इस्लाम का एक अहम फर्ज है, लेकिन इसे सलीके और सलीम तरीके से अंजाम देना हर मुसलमान की जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि कुर्बानी के स्थान को चारों ओर से ढंका जाए, सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए और प्रशासनिक नियमों का पालन किया जाए।