स्मार्ट मीटर के विरोध में आज भोपाल में प्रदर्शन:पूरे प्रदेश से जुटेंगे उपभोक्ता; 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने समेत 11 मांगें

स्मार्ट मीटर के विरोध में सोमवार को भोपाल में बड़ा प्रदर्शन होगा। दोपहर साढ़े 12 के बाद शाहजहानी पार्क में पूरे प्रदेश से उपभोक्ता जुटेंगे। मध्यप्रदेश बिजली उपभोक्ता एसोसिएशन (एमईसीए) के बैनरतले यह प्रदर्शन होगा। उपभोक्ता 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने, बिजली के रेट कम करने जैसी 11 मांग भी सरकार से करेंगे।

एसोसिएशन की प्रदेश संयोजक रचना अग्रवाल और लोकेश शर्मा ने बताया, मध्यप्रदेश सहित देशभर में बिजली उपभोक्ताओं द्वारा बिजली के प्री-पेड स्मार्ट मीटर का विरोध किया जा रहा है। ये विरोध कोई औपचारिकता या कोई निहित स्वार्थ पर आधारित राजनीतिक विरोध नहीं है, बल्कि हमारी दैनिक आय और जीवन मरण के प्रश्न से जुड़ा है।

हाल ही में इसके दुष्परिणाम भी सामने आए हैं। संगठन के मुदित भटनागर ने बताया कि भोपाल के कई इलाकों में स्मार्ट मीटर लगे हैं। जिसके जरिए गरीब वर्ग को सताया जा रहा है। इसका हम लगातार विरोध कर रहे हैं। सोमवार को बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा।

पदाधिकारी बोले-प्रदेश में स्मार्ट मीटर की स्थिति ठीक नहीं संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि स्मार्ट मीटर से अत्यधिक बढ़े हुए बिजली बिलों की समस्या मध्यप्रदेश के सभी जिलों में है। भोपाल में ही उपभोक्ताओं ने बताया कि उनका बिल हर महीने भरने के बावजूद एक उपभोक्ता का 10 हजार, दूसरे का 20 हजार, तीसरे का 29 हजार रुपए आया है।

ग्वालियर में उपभोक्ता जिसका एक कमरे का घर है, उनके बिल 5 हजार रुपए तक आ रहे हैं। ग्वालियर के 3 उपभोक्ताओं ने बताया कि महीने में दो बार बिल आ गया है। दोनों 6-6 हजार का है। गुना, सीहोर, विदिशा, सतना, इंदौर, देवास, दमोह, जबलपुर आदि जिलों में भी आम उपभोक्ता, जिसके बिजली बिल 700-800 आते थे, वे हजारों में आ रहे हैं।

गुना में एक किसान को 2 लाख से ज्यादा का बिजली बिल दिया गया। जहां-जहां स्मार्ट मीटर लगे हैं, उन सभी जिलों में उपभोक्ता बिजली बिलों से पीड़ित हैं। लोग अपने गहने और बर्तन बेचकर बिल भर रहे हैं।

इसलिए विरोध

  • स्मार्ट मीटर मोबाइल रीचार्ज की तरह प्री-पेड क्षमता वाले डिवाइस के साथ है। जिसे कंपनी मोबाइल फोन की तरह कभी भी प्री-पेड कर सकती है।
  • इसकी मानीटरिंग व कमांड भी सेंट्रल सिस्टम के तहत है। इसमें कंपनी के लिए उपभोक्ता की यूनिट्स को भी बदलना असंभव नहीं है।
  • मीटर टाइम ऑफ डे (TOD) का आकलन करने की क्षमता रखता है। दिन-रात का अलग-अलग रेट है।
  • मीटर में कोई खराबी आ जाने की स्थिति में मीटर को बदलने पर फिर से यह रकम चुकानी होगी। यह जबरदस्त बोझ है, जो कि आम उपभोक्ता के ऊपर डाला जा रहा है।
  • स्मार्ट मीटर का बिल नहीं चुका पाने की स्थिति में बिजली तुरंत काट दी जा रही है। जुड़वाने के नाम पर 350 रुपए उपभोक्ता से लिए जा रहे हैं, जबकि हमारी सिक्योरिटी राशि बिजली विभाग के पास पहले से ही जमा है।
  • बिजली बिल की हार्ड कॉपी नहीं दी जा रही है। जिससे अशिक्षित और तकनीकी रूप से अक्षम उपभोक्ताओं के लिए समस्या पैदा हो गई है।
  • हर उपभोक्ता के पास स्मार्ट फोन नहीं है। बिजली का बिल भरने के लिए ही लोगों को फिर मोबाइल खरीदना होगा।
  • बिजली कंपनी से हमारा अनुबंध पोस्टपेड मीटर के लिए है, न कि प्री-पेड मीटर के लिए। फिर इस प्रीपेड क्षमता वाले मीटर को क्यों लगाया गया है?

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