किसानों पर आफत की बारिश, प्रदेश भर में धान व मक्के की फसल को भारी नुकसान

भोपाल। पिछले दो-तीन दिनों में हुई वर्षा ने प्रदेश भर में किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। अधिकतर जगह धान की फसल पक चुकी है। कुछ जगह कटाई भी हो गई है। इस बीच वर्षा व हवाओं से धान की फसल खेत में ही गिरने से खराब होने की पूरी आशंका है। दाने काले पड़ने व फफूंद लगने की डर है। वहीं, खलिहान में रखी धान की फसल पानी के चलते सड़ जाएगी।

इसी तरह मक्का की फसल को भी खूब नुकसान हुआ है। अधिकतर स्थानों पर इसकी कटाई हो चुकी थी। गहाई होने वाली थी, इसके पहले वर्षा से फसल खराब हो गई है। किसान संगठनों का दावा है कि प्रदेश भर में लगभग दो हजार करोड़ रुपये का नुकसान इस बारिश से किसानों को हुआ है।

किसान नेता केदार सिरोही ने बताया कि खरीफ सीजन की फसलों को नुकसान तो हुआ ही रबी फसल की बोनी भी 15 दिन पिछड़ गई है। एक से 15 नवंबर के बीच बोनी का सबसे अच्छा समय माना जाता है, पर अब 15 के बाद ही हो पाएगी। बोनी देरी होने से गर्मी की मूंग व अन्य फसलों की बोनी भी प्रभावित होगी। उड़-मूंग और सोयाबीन की फसल को भी नुकसान हुआ है।

कहां क्या हुआ नुकसान- विंध्य व महाकोशल

प्रदेश के सबसे अधिक धान उत्पादन करने वाले बालाघाट जिले में तीन लाख 11 हजार हेक्टेयर में धान की फसल लगाई है। बारिश से यहां 30 से 40 प्रतिशत धान के नुकसान की आशंका है। हालांकि कृषि विभाग इससे इन्कार कर रहा है। सीधी जिले में 40 प्रतिशत धान पकने की स्थिति में है। आगे वर्षा हुई तो फसल को नुकसान होगा। शहडोल में एक लाख 42 हजार हेक्टेयर में धान की खेती में वर्षा से 40 प्रतिशत फसल खराब होने की स्थिति में है। उड़द, सोयाबीन, तिल 70 प्रतिशत तक खराब हो चुकी हैं। आगे वर्षा होती है तो फसल के पौधे जमीन पर गिरेंगे, जिससे उनमें नमी आएगी और फूफंद लगेगी।

मध्य भारत अंचल का हाल

विदिशा, रायसेन, बैतूल और सीहोर में धान की पकी फसल वर्षा की वजह से भारी होकर आड़ी हो चुकी है। उनके दाने भी बिखर गए हैं। बैतूल में धान के खेतों में पानी भर गया है, जिससे कटाई में भी देरी होगी। किसानों का कहना है कि गीले दाने काले पड़ सकते हैं। रायसेन में दो लाख हेक्टेयर और विदिशा में 80 हजार हेक्टेयर में धान बोया गया था, जिसमें से 30 हजार हेक्टेयर की कटाई हो चुकी है। बैतूल में 60 हजार हेक्टेयर और सीहोर में 45 हजार हेक्टेयर जमीन पर धान बोया गया था। विदिशा में पिपलखेड़ी गांव में किसानों की खेत से काटकर खलिहान में रखी फसल बरसात के पानी में डूब गई। राजस्व एवं कृषि विभाग की टीम ने पांच किसानों की फसल का नुकसान दर्ज किया है।

ग्वालियर-चंबल अंचल का हाल

श्योपुर जिले के बड़ौदा, श्योपुर और कराहल में धान की फसल प्रभावित हुई। रविवार को जिला प्रशासन ने नुकसान का सर्वे करने के आदेश दिए थे, लेकिन सोमवार तड़के पांच बजे से फिर बारिश शुरू हो गई। शिवपुरी में 5 से 6 हजार हेक्टेयर में धान प्रभावित हुई है। यहां अधिक नुकसान नरवर, कोलारस आदि क्षेत्रों में धान की फसल को हुआ है। उप संचालक कृषि पान सिंह करोरिया का कहना है कि रविवार की बारिश से नरवर क्षेत्र में 10 से 12 गांव में पांच से छह हजार हेक्टेयर में लगी धान की फसल प्रभावित हुई है।

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