रिजर्व बैंक आज फिर दे सकता है आम आदमी को राहत, ब्याज दर में कटौती पर लिया जाएगा फैसला

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( आरबीआई ) गवर्नर संजय मल्होत्रा मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी में रेपो रेट सहित दूसरे पहलुओं पर किया गया फैसला आज यानी बुधवार को सामने रखेंगे। माना जा रहा है कि आरबीआई इस बार भी ब्याज दरों में कटौती कर आम आदमी को लोन की ईएमआई से राहत दे सकता है। हालांकि इसे लेकर विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है।

क्या है एक्सपर्ट्स की राय?

इकनॉमिस्ट रजनी सिन्हा ने कहा, ‘ RBI ने महंगाई में नरमी का अंदाजा लगाते हुए पहले ही रेट कट कर दिए थे। अगली दो तिमाहियों में औसत रूप से महंगाई 4% के टारगेट से कम रह सकती है। हालांकि तीसरी तिमाही से इसके बढ़ने और चौथी तिमाही तक 4% से ज्यादा होने का अनुमान है। लिहाजा जब तक ग्रोथ से जुड़ी चिंता नहीं बढ़ती, और रेट कट की उम्मीद नहीं है।’

सिन्हा ने कहा, ‘अमेरिकी टैरिफ और रूस से तेल खरीदने पर प्रस्तावित पेनाल्टी चिंता की बात है, लेकिन RBI इस मोर्चे पर तस्वीर साफ होने तक का इंतजार कर सकता है। साथ ही, चूंकि पिछले रेट कट का पूरा असर ब्याज दरों में नहीं आया है, लिहाजा उनका प्रभाव आने तक आरबीआई कदम रोक सकता है।’

बेसिक होम लोन के सीईओ अतुल मोंगा ने भी कहा, ‘जून में रेट 50 बेसिस पॉइंट्स घटाया गया। CRR में 100 बेसिस पॉइंट्स की कमी सितंबर से शुरू होगी। लिहाजा RBI अभी रेट्स को जस का तस रहने दे सकता है। वह इन कदमों का पूरा असर दिखने तक इंतजार करेगा।’

क्या ब्याज दरों में होगी कटौती?

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘अगस्त में रेट कट नहीं होने की आमराय जून के पॉलिसी गाइडेंस पर आधारित है, न कि मौजूदा हकीकत पर। हमारा मानना है कि RBI के लिए अपने पिछले गाइडेंस से हटने के पर्याप्त कारण बन गए है और वह 25 बेसिस पॉइंट्स का एक और रेट कट करेगा।’

रिपोर्ट में देश में उपभोग अभी तेजी से नहीं बढ़ पाने के साथ अमेरिकी टैरिफ का हवाला देते हुए कहा गया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP ग्रोथ का अनुमान दिया है, लेकिन इन घरेलू और बाहरी चुनौतियों से ग्रोथ घट सकती है। लिहाजा पॉलिसी सपोर्ट बनाए रखने की जरूरत है।’


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