सऊदी अरब, UAE… भारतीयों के लिए खुशखबरी, यूरोप के शेंगेन स्टाइल में खाड़ी के 6 देशों का मिलेगा एक ही वीजा, जानें पूरा प्लान

रियाद: खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के सभी छह देशों में जल्दी ही एक ही वीजा से घूमा जा सकेगा। जीसीसी इस साल सिंगल एकीकृत पर्यटक वीजा की टेस्टिंग शुरू करने जा रहा है। इससे एक ही परमिट के तहत जीसीसी देशों में यात्रा की अनुमति मिल जाएगी। इससे बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में घूमने के लिए अलग-अलग वीजा लेने की जरूरत नहीं होगी। इसका भारतीयों को सीधेतौर पर लाभ होगा क्योंकि भारत से बड़ी संख्या में लोग अरब के इन देशों में जाते हैं।

यूएई के अर्थव्यवस्था मंत्री और अमीरात पर्यटन परिषद के अध्यक्ष अब्दुल्ला बिन तौक अल मर्री ने विश्व पर्यटन दिवस 2025 के दौरान इस पायलट परियोजना की पुष्टि की है। यूएई समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम को दिए साक्षात्कार में अल मर्री ने कहा कि यह वीजा पायलट चरण के बाद बाद में पूरी तरह से लागू किया जाएगा। इसे जीसीसी ग्रैंड टूरिस्ट वीजा कहा जा रहा है। इस वीजा के आधिकारिक लॉन्च की तारीख अभी तक घोषित नहीं की गई है।

कैसे काम करेगा ये वीजा

एकीकृत जीसीसी पर्यटक वीजा याजीसीसी ग्रैंड टूरिस्ट वीजा यूरोप की शेंगेन वीजा प्रणाली पर आधारित है, जो यात्रियों को एक ही परमिट का उपयोग करके कई देशों में स्वतंत्र रूप से घूमने की सुविधा प्रदान करता है। यह वीजा भी छह देशों- संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, बहरीन, कतर, ओमान और कुवैत को कवर करेगा।

यूएई सरकार का कहना है कि यह वीजा क्षेत्रीय एकीकरण की दिशा में रणनीतिक कदम है। यह खाड़ी क्षेत्र के एकल पर्यटन स्थल के रूप में सामूहिक आकर्षण को बढ़ाएगा। पर्यटकों को कई वीजा के बिना जीसीसी देशों के बीच यात्रा करने की अनुमति देकर खाड़ी क्षेत्र को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए ज्यादा सुलभ और एकीकृत यात्रा केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा।

पर्यटन पर जीसीसी देशों का जोर

जीसीसी के देशों ने यह नीतिगत बदलाव ऐसे समय में किया है, जब इनकी कोशिश पर्यटन और बुनियादी ढांचे के सक्रिय विस्तार की है। एकीकृत वीजा बार-बार होने वाली कागजी कार्रवाई और कई आवेदनों को खत्म कर देगा। यह सभी छह देशों में पहुंच प्रदान करेगा। इससे यात्रा प्रक्रिया काफ़ी सरल हो जाएगी। इससे टूरिज्म को फायदा होगा।

अब्दुल्ला बिन तौक अल मर्री ने कहा है कि एकीकृत वीजा को औपचारिक स्वीकृति मिल चुकी है। उम्मीद है कि जल्द ही इसे लागू किया जाएगा। हालांकि इसके पूर्ण कार्यान्वयन की कोई निश्चित तिथि नहीं दी गई है लेकिन क्षेत्र के अधिकारियों ने लगातार संकेत दिया है कि इसकी शुरुआत जल्द ही होने की उम्मीद है।

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