मस्क-ट्रम्प को लड़वाया, अब भारत में अमेरिकी राजदूत बने सर्जियो:ट्रम्प के चौकीदार कहे जाते हैं, राष्ट्रपति बोले- मुझे उन पर पूरा भरोसा

राष्ट्रपति ट्रम्प ने सर्जियो गोर को भारत में अमेरिका का अगला राजदूत नियुक्त किया है। उन्हें शुक्रवार को दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए विशेष दूत की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
सर्जियो गोर को मस्क और ट्रम्प के बीच लड़ाई शुरू कराने वाला माना जाता है। मस्क ने नाराज होकर गोर को ‘सांप’ तक कह दिया था। सर्जियो लंबे समय से ट्रम्प परिवार के भरोसमंद रहे हैं।
पहले उनका काम ट्रम्प से जुड़े कार्यक्रमों को देखना था। वे यह भी देखते रहे हैं कि ट्रम्प से कौन मिल सकता है और कौन नहीं। इसलिए अमेरिकी मीडिया उन्हें ट्रम्प का ‘गेटकीपर’ भी कहती है। यानी कि ऐसा शख्स जो ट्रम्प तक पहुंचने के रास्ते पर पहरेदार की तरह खड़ा है।
गोर को नई जिम्मेदारी मिलने को लेकर राष्ट्रपति ट्रम्प ने खुशी जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा-
ट्रम्प ने 7 महीने बाद चुना भारत का राजदूत
गोर ने एरिक गार्सेटी की जगह ली है। वे मई 2023 से जनवरी 2025 तक भारत में अमेरिका के राजदूत रहे। ट्रम्प ने भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में सर्जियो गोर को करीब 7 महीने की देरी के बाद नियुक्त किया है। जबकि ट्रम्प ने चीन समेत कई देशों में दिसंबर, 2024 में ही राजदूत नियुक्त कर दिया था।
माना जा रहा है कि गोर भारत में अमेरिका फर्स्ट एजेंडे को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। गोर ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रम्प के लिए फंड जुटाने में भी बड़ी भूमिका निभाई। वे ट्रम्प के खास माने जाते हैं उनकी ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के कट्टर समर्थक हैं।
गोर व्हाइट हाउस में नियुक्तियों की जांच-परख में भी शामिल रहे हैं। उन्हें ट्रम्प की टीम में पर्दे के पीछे सबसे ताकतवर शख्सियतों में से एक माना जाता है।
गोर को ऐसे समय में भारत में अमेरिका का राजदूत बनाया जा रहा है जब टैरिफ को लेकर अमेरिका से उसका विवाद चल रहा है। कुछ दिन पहले ही अमेरिका के व्यापार वार्ताकारों की 25-29 अगस्त को भारत यात्रा अचानक रद्द कर दी गई थी।
बेटे जूनियर ट्रम्प के दोस्त हैं गोर
दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रम्प ने गोर को प्रेसिडेंसियल पर्सनल ऑफिस का डायरेक्टर बनाया। यह पद बहुत ताकतवर माना जाता है, क्योंकि इसके जरिए यह तय होता है कि सरकार में कौन-कौन लोग अहम पदों पर आएंगे।
इस बार ट्रम्प ने सबसे ज्यादा ध्यान खुद में निष्ठा रखने वाले शख्स को चुनने पर दिया। दरअसल, पिछले टर्म में ट्रम्प की टीम में कई ऐसे लोग आ गए थे जो उनके हिसाब से वफादार नहीं थे और बाद में यही उनकी सबसे बड़ी गलती मानी गई।
ट्रम्प ने इस बार यह गलती नहीं की। उन्होंने अपनी टीम के लिए जरूरी पदों को चुनने के लिए सर्जियो गोर को चुना जो उनके ‘दाएं हाथ’ कहे जाते हैं।
गोर, ट्रम्प के बेटे ट्रम्प जूनियर के दोस्त हैं। दोनों ने मिलकर ‘विनिंग टीम पब्लिशिंग’ नाम की कंपनी शुरू की थी, जो ट्रम्प की किताबें प्रकाशित करती है। इस कंपनी की किताबें महंगी मानी जाती है। सबसे सस्ती किताब की कीमत भी करीब 6500 रुपए है।
इसी कंपनी के जरिए ट्रम्प ने अब तक तीन किताबें छपवाई हैं, जिनमें एक किताब में उनकी वह मशहूर तस्वीर है जब पेनसिल्वेनिया में रैली के दौरान उन पर जानलेवा हमला हुआ था और खून से लथपथ हालत में उन्होंने मुट्ठी बांधकर ताकत दिखाने वाला पोज दिया था।