मध्य प्रदेश 14 से 18 अगस्त से मनाया जाएगा श्रीकृष्ण पर्व, 3 हजार से ज्यादा मंदिरों में होंगे अनुष्ठान

भोपाल। बलराम जयंती और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर संस्कृति विभाग द्वारा श्रीकृष्ण पर्व (हलधर महोत्सव एवं लीलाधारी का प्रकटोत्सव) का आयोजन किया जाएगा। ये कार्यक्रम 14 से 18 अगस्त तक चलेंगे।श्रीकृष्ण मंदिरों में विविध धार्मिक अनुष्ठान होंगे, जबकि 100 से अधिक प्रमुख स्थलों पर 155 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें एक हजार से अधिक कलाकार भजन, कीर्तन और नृत्य-नाटिकाओं के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण और बलराम जी की लीलाओं एवं लोककल्याणकारी जीवन गाथा को प्रस्तुत करेंगे।भगवान श्रीकृष्ण को उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, वहां 16 से 18 अगस्त तक प्रतिदिन शाम सात बजे श्रीकृष्ण पर्व का आयोजन होगा। इसी प्रकार उज्जैन के नारायणा धाम मंदिर में 14 से 18 अगस्त तक विशेष कार्यक्रम होंगे। साथ ही जानापाव, अमझेरा पन्ना, खातेगांव (देवास), रीवा, मंडला, छतरपुर, उमरिया, शहडोल में भक्ति गायन और नृत्य की प्रस्तुतियां पांच सौ कलाकार देंगे। सभी कार्यक्रमों में प्रवेश निश्शुल्क रहेगा।

पशुपालन का महत्व बताती हैं श्रीकृष्ण की लीलाएं

मंगलवार को भोपाल जनजातीय संग्रहालय में आयोजित प्रेस वार्ता में संस्कृति विभाग के संचालक एनपी नामदेव और मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी ने कार्यक्रम की रूपरेखा साझा की। एनपी नामदेव ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण के पूर्व धरती पर प्रकट हुए श्रीबलराम को हलधर के रूप में कृषि संस्कृति का जनक माना जाता है। उनकी प्रतीकात्मकता संगठित और व्यवस्थित कृषि व्यवस्था की स्थापना का संदेश देती है। वहीं, भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं पशुपालन, पशु-रोग निवारण और संरक्षण के महत्व को दर्शाती है।

सात पुरस्कार दिए जाएंगे

श्रीराम तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में यह आयोजन भक्ति, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत का संगम होगा। मंदिरों में मटकी-फोड़, रास-लीला, भजन संध्या, साज-सज्जा एवं शृंगार प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। उत्कृष्ट शृंगार के लिए 1.50 लाख रुपए के तीन, 1 लाख रुपये के पांच और 51 हजार रुपये के सात पुरस्कार दिए जाएंगे।

इसके अतिरिक्त, प्रदेश के सभी होटलों में जन्माष्टमी उत्सव मनाने की अनोखी पहल की जाएगी और समय-समय पर गीता भवनों की स्थापना के लिए भूमिपूजन भी होगा। संस्कृति विभाग का यह महोत्सव न केवल धार्मिक आस्था को सशक्त करेगा, बल्कि मप्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का प्रयास होगा।

मुख्यमंत्री निवास पर पधारेंगे 1000 से अधिक बाल गोपाल

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त को मुख्य कार्यक्रम मुख्यमंत्री के निवास पर दोपहर 2 बजे से आयोजित होगा, जिसमें 1000 से अधिक बाल गोपाल श्रीकृष्ण की वेशभूषा में अपने परिजनों के साथ शामिल होंगे। इस अवसर पर इस्कान मंदिर के माध्यम से गोपाल कृष्ण का अभिषेक होगा। मुख्यमंत्री द्वारा पधारे मान्य अतिथिगण और सहभागीगण तथा उनके साथ बाल गोपालों को माखन मिश्री, लड्डू गोपाल का विग्रह एवं हर घर गोकुल, घर घर गोपाल प्लेकार्डस तथा मोरपंख भेंट किए जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button