एसआईआर: निगरानी के लिए बनाई गई टीम पहुंची निर्वाचन सदन

भाजपा की एसआईआर की निगरानी के लिए बनाई गई टीम सोमवार को निर्वाचन सदन पहुंची और एसआईआर को लेकर चल रहे अभियान पर आपत्ति दर्ज कराई। टीम के प्रदेश संयोजक भगवान दास सबनानी ने कहा कि बीएलओ के पास 2003 व 2025 की अपडेट वोटर लिस्ट ही नहीं है, तो कैसे तुलना कर रहे हैं। नेट चल नहीं रहा , आईपेड काम नहीं कर रहा, तो कैसे एसआईआर का काम चल रहा है।

विधायक रामेश्वर शर्मा ने तो यहां तक कह दिया कि ये सर्वर नाम का प्राणी कहां खो गया है, इसे ढूंढकर लाओ। इस पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव झा ने आश्वस्त किया कि मैं इस बारे में कलेक्टरों को निर्देशित करता हूं।

टीम का कहना था कि जब भोपाल में एसआईआर की यह स्थिति है तो प्रदेश में क्या होगी। इसे देखना होगा। दस दिन में भाजपा की टीम दोबारा आयोग आएगी। सिस्टम स्लो काम कर रहा है। डिंडोरी, अलीराजपुर, खंडवा और मंडला जैसे जिलों से जो जानकारी आ रही है कि वहां तो एसआईआर का काम ही नहीं हो पा रहा है।

एक परिवार एक बूथ पर वोट डालता है, लेकिन यहां एक बूथ पर 1200 वोट फिक्स कर दिए गए हैं। इससे परिवार के मुखिया का वोट कहीं और डलता है और पत्नी व बच्चों के दूसरे बूथ पर। इस व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त किया जाए। भाजपा की एसआईआर की टीम में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह भी साथ में थे। उन्होंने चुनाव आयोग व भाजपा के बीच समन्वय का काम किया।

एसआईआर टीम के सह संयोजक एसएस उप्पल ने कहा कि नेट नहीं चल रहा है तो कब तक आईपेड लेकर बैठे रहोगे। मैन्युअली फॉर्म भरवा सकते हैं, बाद में फीड कर लिया जाएगा। फॉर्म भरवाएं।

जानिए… क्या-क्या समस्या आ रही

  • नेट नहीं चलने से 2003 की मतदाता सूची डाउनलोड नहीं हो रही है।
  • फॉर्म भरने की तारीख 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक है। नेट मिलने में दिक्कत रही तो फॉर्म नहीं भर पाएंगे।
  • जो लोग 2003 के पूर्व पैदा हुए हैं वो आज की तारीख में 40 साल के हो चुके हैं, उनमें से अधिकांश लोगों को कंप्यूटर चलाने में दिक्कत हो रही है, अत: बीएलओ को उनकी मदद करना चाहिए।
  • फॉर्म वितरित करने में गति लाएं।
  • एक फॉर्म में एक ही मतदाता का नाम होता है। मतदाताओं से कहा जा रहा है कि 2003 के पूर्व की जानकारी आप ही निकालो। कंप्यूटर का नॉलेज न होने से उसे वो नहीं निकाल पा रहे हैं।

कलेक्टर की बेटी बोली- पापा मैं भी कराऊंगी SIR, फिर बदला आदेश

भोपाल| आज मेरी बेटी ने बताया कि एनसीसी के बच्चों को एसआईआर के लिए बीएलओ की मदद करना है। मैं भी एसआईआर का काम कराऊंगी। यह सुनकर कलेक्टर चुप हो गए। उन्होंने कहा कि इसके लिए 18 साल से अधिक उम्र के छात्र वॉलेंटियर्स की मदद ली जा सकती है। छोटे बच्चे इसमें शामिल नहीं हो सकते।

सोमवार को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने टाइम लिमिट बैठक की शुरुआत इसी बात से की। उन्होंने उपजिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता से कहा कि एनसीसी के छात्रों के लिए 18 साल से अधिक उम्र के बच्चों को शामिल किया जाए। इसके बाद दूसरा आदेश जारी कर जिला शिक्षाधिकारी नरेंद्र कुमार अहिरवार को भेजा गया।

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