जीवन में पढ़ाई के जितना ही महत्वपूर्ण है खेल : राम विचार नेताम

बिलासपुर , एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की राज्य स्तरीय क्रीडा प्रतियोगिता के समापन अवसर पर आज मुख्य अतिथि के तौर पर आदिम जाति कल्याण मंत्री राम विचार नेताम शामिल हुए। बहतराई स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने की। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश सूर्यवंशी, कलेक्टर संजय अग्रवाल, सीईओ जिला पंचायत संदीप अग्रवाल, मोहित जायसवाल, आदिम जाति विकास विभाग के अपर संचालक जितेंद्र गुप्ता, तारकेश्वर देवांगन मौजूद थे। प्रतियोगिता में 796 अंक प्राप्त करके सरगुजा क्षेत्र ने ओवरऑल चैंपियन का खिताब हासिल किया वहीं दूसरे स्थान पर बस्तर क्षेत्र रहा। मंत्री नेताम द्वारा विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कार वितरण किया गया।
मुख्य अतिथि की आसंदी से राम विचार नेताम ने बच्चों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि आपके जोश और जज्बे को सलाम है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के दो दिवसीय राज्य स्तरीय कीड़ा प्रतियोगिता में आप सभी प्रतिभागियों ने जो अपनी खेल प्रतिभा का जौहर दिखाया है, उसके लिए आप बधाई के पात्र हैं। जीवन में पढ़ाई का जितना महत्व है खेलों का भी उतना ही महत्व है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अन्य गतिविधियाँ जैसे कि खेल, योग सांस्कृतिक कार्यक्रम इत्यादि भी आयोजित किए जाते हैं ताकि बच्चों की प्रतिभाओं को एक अच्छा मंच मिले । बच्चे अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन कर सके उसी के तहत क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। नेताम ने बताया कि उन्होंने भी छात्रावास में रहकर पढ़ाई की हैं और खेल आयोजनों में शामिल होने के लिए विभिन्न स्थानों पर जाया करते थे। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा खेलों और खिलाड़ियों को लगातार प्रोत्साहन दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में खिलाड़ियों को बेहतर माहौल मिल रहा है। यहां के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना और प्रदेश का नाम रोशन करेंगे।
इस अवसर पर बच्चों को संबोधित करते हुए विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि – खेल का जीवन में क्या महत्व है यह किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है। खेल तो पग – पग पर है। कहते हैं ना की "संग्राम जिंदगी है लड़ना हमें पड़ेगा,और जो लड़ नहीं सकेगा आगे नहीं बढ़ेगा"लेकिन खेल में लड़ना हमेशा खेल की भावना के साथ होनी चाहिए। जब आप किसी खेल के प्रतिभागी बनते हैं तो प्रतियोगिता का परिणाम क्या होगा नहीं मालूम, लेकिन परिणाम आपके जीवन में आपको सिर्फ सफलता की तरफ ले जाएगा। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। इसलिए खेलों का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 75 एकलव्य विद्यालयों के लगभग 1500 छात्र छात्राएं एवं 250 कोच एवं मैनेजर ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। प्रतियोगिता में 20 खेलो का आयोजन किया गया जिसमें योग 3000 मीटर पैदल चाल 5000 मीटर तीरंदाजी, शतरंज, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, तैराकी, टेनिस, टेबल टेनिस, ताइक्वांडो, कुश्ती, फुटबॉल, हॉकी, कबड्डी हैंडबॉल आदि शामिल थे।
साथ ही बिलासपुर जिला कार्यालय से भी व्यायाम शिक्षक, शिक्षक एवं विभिन्न कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई थी। प्रतियोगिता को सफल बनाने में ट्राइबल विभाग के अधिकारी कर्मचारी शिक्षा विभाग के अधिकारी कर्मचारी एवं खेल शिक्षकों का विशेष योगदान रहा।