यूपी में अवैध खनन पर सख्ती: अब AIS-140 जीपीएस बिना नहीं चलेगा कोई वाहन

महोबा: उत्तर प्रदेश में अवैध खनन, ओवरलोडिंग और अवैध वसूली पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। अब उपखनिजों के परिवहन में लगे सभी वाहनों को खनिज विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत कराना और AIS-140 जीपीएस डिवाइस लगाना अनिवार्य होगा। निर्धारित तिथि के बाद बिना जीपीएस वाले वाहनों को रायल्टी फार्म ई-एमएम-11 जारी नहीं किया जाएगा।

खनिज परिवहन हेतु AIS-140 जीपीएस अनिवार्य

निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय, लखनऊ के निर्देश पर जिलाधिकारी गजल भारद्वाज ने आदेश जारी करते हुए बताया कि 12 नवंबर से उपखनिजों का परिवहन करने वाले वाहनों का पंजीयन अनिवार्य होगा। वाहन स्वामियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विभागीय पोर्टल https://registration.vtsdgm.up.inपर पंजीकरण कराएं और अपने वाहन में AIS-140 ऑटोमोटिव ट्रैकिंग सिस्टम लगवाएं, जिससे वाहनों की लोकेशन की रियल-टाइम निगरानी की जा सके।

सभी वाहनों का पंजीयन जरूरी

डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने बताया कि रेत, मोरम, गिट्टी आदि ले जाने वाले ट्रैक्टर और ट्रक सहित सभी वाहनों का पंजीकरण अनिवार्य है। जीपीएस सिस्टम से अवैध खनन और ओवरलोडिंग पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकेगा।

पंजीकृत वाहनों को मिलेगा ई-एमएम-11

डीएम ने कहा कि 15 नवंबर से ई-एमएम-11 केवल उन्हीं वाहनों को मिलेगा जो पोर्टल पर पंजीकृत हैं। जिन परिवहनकर्ताओं द्वारा शीघ्र पंजीयन कराया जाएगा, उन्हें जिला स्तर पर सम्मानित भी किया जाएगा। तकनीकी सहायता के लिए वाहन स्वामी या चालक डीएम कार्यालय (खनन अनुभाग) में संपर्क कर सकते हैं।

पत्थर मंडियों में अवैध खनन माफिया सक्रिय

जिले की प्रसिद्ध कबरई पत्थर मंडी से रोजाना लगभग 5,000 ट्रक निर्माण सामग्री जैसे ग्रिट आदि देश के विभिन्न राज्यों में जाते हैं। यहां सक्रिय खनन माफिया अवैध खनन और परिवहन के जरिए करोड़ों रुपये का सरकारी राजस्व नुकसान पहुंचाते हैं। प्रशासन के इस नए सिस्टम से अवैध वसूली और ओवरलोडिंग के खेल पर अंकुश लगेगा।

फर्जी रायल्टी बनाने का खेल बेनकाब

जिले में लंबे समय से फर्जी रायल्टी का कारोबार चल रहा था। हाल ही में एक गिरोह पकड़ा गया जिसने एआई ट्रेनिंग लेकर फर्जी रायल्टी जनरेट करने और फर्जी वेबसाइट तैयार करने का तरीका अपनाया था। इस गिरोह ने खनिज व जीएसटी विभाग को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया।

क्रशर यूनियन ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग

खनन एवं क्रशर यूनियन अध्यक्ष बालकिशोर द्विवेदी ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से चल रहे इस फर्जीवाड़े में विभागीय और स्थानीय प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता की आशंका है। यूनियन पहले ही लखनऊ में मुख्यमंत्री व खनिकर्म सचिव से मुलाकात कर गहन जांच की मांग कर चुका है, ताकि पूरे खेल में शामिल सभी किरदारों का पर्दाफाश हो सके।

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