भारत संग रक्षा सौदा कर रहा तालिबान, एयर डिफेंस एक्टिवेट करने का दिल्‍ली ने दिया ऑफर, पाकिस्‍तानी जेट नहीं कर पाएंगे हमला, दावा

काबुल: अफगान मीडिया ने दावा किया है कि भारत ने बगराम एयरबेस में एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिवेट करने का वादा किया है। अफगान मीडिया ने ये दावा उस वक्त किया है, जब दो बड़ी घटनाएं हो रही हैं। पहली ये कि तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी का पहला दिल्ली दौरा हुआ है और दूसरी घटना ये, कि पिछले एक हफ्ते से तालिबान और पाकिस्तान के बीच भारी संघर्ष चल रहा है। पाकिस्तान वायुसेना के काबुल में हवाई हमले के बाद तालिबान ने पलटवार करते हुए पाकिस्तान के कई सैन्य चौकियों पर भीषण हमले किए, जिनमें 58 पाकिस्तान सैनिकों के मारे जाने का दावा किया गया है।

दूसरी तरफ amu.tv ने तालिबान के हाई लेवल सूत्रों के हवाले से गोपनीय खुलासा करते हुए दावा किया है, कि तालिबान ने पाकिस्तान पर जवाबी हमले इसलिए किए हैं, क्योंकि तालिबान संदेश देना चाहता है कि वो पाकिस्तान के छाए से निकलकर भारत की तरफ शिफ्ट हो रहा है। amu.tv ने इसे तालिबान की स्ट्रैटजी के लिहाज से बहुत बड़ा रणनीतिक मोड़ बताया है।

तालिबान और पाकिस्तान में कैसे बिगड़े संबंध?
आपको बता दें कि तालिबान ने कुनार, पक्तिया, नंगरहार और कंधार प्रांतों से पाकिस्तान के दर्जन भर से ज्यादा चौकियों को निशाना बनाया था। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुहाजिद ने बाद में काबुल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन हमलो में पाकिस्तान के 58 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया। तालिबान के रक्षा मंत्रालय ने कथित तौर पर 9 अक्टूबर को काबुल पर पाकिस्तान के हवाई हमलों के सीधे जवाब में इस अभियान को मंजूरी दी थी। पाकिस्तान के काबुल में हवाई हमले करने का मकसद तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के नेता मुफ्ती आसिम नूर वली महसूद को मारना था। लेकिन हमला नाकाम रहा। बाद में टीटीपी ने मुफ्ती नूर वली का एक ऑडियो संदेश जारी किया। इस ऑडियो क्लिप को दक्षिणी वजीरिस्तान से जारी किया गया था, जिसमें उन्होंने मौत के दावे का खंडन करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ हमलों की रफ्तार को तेज करने का आदेश दिया था। इसके बाद से टीटीपी ने पाकिस्तान में हमले तेज कर दिए हैं

कंधार के गवर्नर मुल्ला मोहम्मद शिरीन अखुंद, जो पाकिस्तान में मुल्ला हिबतुल्लाह अखुंदजादा के विशेष दूत भी हैं, उनके आदेश के बाद फिर 12 अक्टूबर को तालिबान ने पाकिस्तान पर हमले रोक दिए। अखुंद ने कथित तौर पर दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने का आग्रह किया था। लेकिन स्थिति फिर से तब खराब हो गई, जब पाकिस्तानी सेना ने कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक जिले में तालिबान बटालियनों और इस्मत काकर कैंप पर भयानक हमला कर दिया। इसमें तालिबान को भारी नुकसान पहुंचने का दावा किया गया है। इस हमले ने तालिबान में पाकिस्तान के खिलाफ भारी गुस्सा भर दिया है और तालिबान, अब हर हाल में पाकिस्तान से बदला लेना चाह रहे हैं
भारत के करीब आने के लिए पाकिस्तान पर हमला?
पाकिस्तान और तालिबान के बीच संबंध काफी खराब हो चुके हैं, इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन amu.tv का ये दावा थोड़ा हैरान करने वाला है कि तालिबान के रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ सूत्र ने खुलासा किया है, कि तालिबान ने पाकिस्तान पर जवाबी हमले सिर्फ काबुल हवाई हमलों के जवाब में नहीं किए थे। इसने दावा किया है कि ये हमले असल में, पाकिस्तान के साथ क्षेत्रीय संबंधों को तोड़ने और भारत के साथ सैन्य सहयोग को मजबूत करने के एक सुनियोजित प्रयास का हिस्सा थे। तालिबानी अधिकारियों का कहना है, कि पाकिस्तानी सेना तालिबान को अस्थिर करने के लिए बलूचिस्तान में ISIS लड़ाकों को ट्रेनिंग दे रहा है और तालिबान और ISIS के बीच जो संघर्ष को रोकने के लिए बातचीत चल रही है, पाकिस्तान की सेना उसे तोड़ने की कोशिश कर रही है। पाकिस्तान का मकसद अब अफगानिस्तान में तालिबान को कमजोर करना है इसलिए तालिबान अब भारत की तरफ देख रहा है।
क्या अफगानिस्तान में एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिव करेगा भारत?
इससे आगे सबसे सनसनीखेज दावा भारत को लेकर है, जो पूरे एशिया की जियो-पॉलिटिक्स को ही बदल कर रख देगा। इसमें दावा किया गया है कि तालिबान अब भारत के साथ अपनी रक्षा साझेदारी का विस्तार कर रहा है। इसके आगे दावा किया गया है कि भारत ने कथित तौर पर तालिबान के रक्षा मंत्रालय को सैन्य उपकरण प्रदान करके और बगराम एयर बेस, काबुल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और कंधार अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर निष्क्रिय पड़े एयर डिफेंस सिस्टम को फिर से एक्टिव करने में मदद करने भरोसा दिया है।

बगराम और काबुल एयरबेस में पहले से ही एयर डिफेंस सिस्टम मौजूद हैं, लेकिन ये अब निष्क्रीय हैं। जिसे भारत ने एक्टिव करने में मदद देने की बात कही है। नवभारत टाइम्स इस दावे की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन अगर वाकई ऐसा होने वाला है तो इसका मतलब ये होगा कि अफगानिस्तान के पास अपना एयर डिफेंस सिस्टम होगा और पाकिस्तान के लिए फिर अफगानिस्तान में आसानी से हवाई हमले करना मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा अगर वाकई ऐसा होता है तो इसके जियो-पॉलिटिकल असर काफी ज्यादा होंगे और ये घटना, पाकिस्तान के पैरों तले जमीन खिसकाने वाली होगी।

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