ब्रिटेन में कुछ बड़ा करने जा रहा है टाटा ग्रुप, 8476 करोड़ रुपये का लिया लोन, जानें क्या है प्लान

नई दिल्ली: टाटा ग्रुप की टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की एक यूनिट एक बड़ा काम करने जा रही है। यह यूनिट ब्रिटेन में बैटरी बनाने का एक बहुत बड़ा कारखाना लगाएगी। इसके लिए कंपनी ने 750 मिलियन पाउंड (करीब 8476 करोड़ रुपये) का लोन लिया है।

इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार कुछ लोगों से यह जानकारी मिली है। इन लोगों ने नाम नहीं बताने की शर्त रखी, क्योंकि मामला अभी प्राइवेट है। करीब 15 बैंकों ने इस लोन के लिए एग्रीमेंट किया है। यह लोन एग्रेटस एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के लिए है। यह डील इस महीने हुई है। यह इस साल किसी भारतीय कंपनी के लिए सबसे बड़े विदेशी मुद्रा लोन में से एक है।

दो साल के लिए लिया लोन

यह लोन दो साल का है। इसकी ब्याज दर स्टर्लिंग ओवरनाइट इंडेक्स एवरेज (SONIA) से थोड़ी ज्यादा होगी। डील साइन हो गई है और पैसा मिलना शुरू हो गया है।
यह लोन ऐसे समय में मिला है जब दुनिया भर के बाजार में उथल-पुथल मची हुई है। टैरिफ में बढ़ोतरी हो रही है। ब्लूमबर्ग के डेटा के अनुसार, भारतीय कंपनियों द्वारा लिए गए विदेशी मुद्रा लोन में 23% की बढ़ोतरी हुई है। इस साल अब तक यह 6.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। पिछले साल इसी समय यह आंकड़ा कम था।

क्या करती है एग्रेटस?

एग्रेटस, टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की पूरी तरह से स्वामित्व वाली कंपनी है। यह भारत और यूके में बैटरी सेल बनाती है। कंपनी ने पिछले साल एक बयान में कहा था कि यह कारखाना यूके में सबसे बड़ा होगा। 2030 के दशक की शुरुआत तक यह देश के ऑटोमोटिव सेक्टर के लिए जरूरी क्षमता का लगभग आधा हिस्सा देगा। कंपनी के अनुसार, यह कारखाना यूके के ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। यह बैटरी की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा।

टाटा संस की लिस्टिंग की वकालत

कर्ज में डूबे शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप ने टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की लिस्टिंग की वकालत की है। इसके लिए उसने आरबीआई से मदद मांगी है। एसपी ग्रुप ने केंद्रीय बैंक से इस बारे में औपचारिक अनुरोध किया है। ग्रुप का कहना है कि टाटा संस की लिस्टिंग से सभी स्टेकहोल्डर्स को फायदा होगा। ग्रुप के पास टाटा संस में 18.37% हिस्सेदारी है और वह कंपनी में सबसे बड़ा माइनोरिटी स्टेकहोल्डर है। एसपी ग्रुप पर काफी कर्ज है और वह इसे चुकाने के लिए काफी संघर्ष कर रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button