EU से निकलने के बाद सबसे बड़ी डील… भारत के साथ FTA से अंग्रेज सातवें आसमान पर, हमें क्या फायदा

नई दिल्ली: भारत और ब्रिटेन के बीच एक बड़ी ट्रेड डील होने जा रही है। इसे FTA यानी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट कहा जा रहा है। ब्रिटिश सरकार इसे लेकर बेहद उत्साहित है। उसका दावा है कि इससे दोनों देशों के बीच ट्रेड सालाना लगभग 34 बिलियन डॉलर तक बढ़ जाएगा। ब्रिटेन के लिए यह समझौता बहुत खास है। यूरोपीय यूनियन (EU) से अलग होने के बाद ब्रिटेन ने पहली बार किसी देश के साथ इतना बड़ा व्यापार समझौता किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की मौजूदगी में आज इस डील पर हस्ताक्षर होंगे।

यह डील ऐसे समय हो रही है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ योजनाओं से पूरी दुनिया में उथलपुथल मची हुई है। भारत और अमेरिका भी एक मिनी ट्रेड डील पर बातचीत कर रहे हैं लेकिन इसके 1 अगस्त की डेडलाइन से पहले पूरा होना मुश्किल दिख रहा है। अमेरिका ने हाल में जापान के साथ एक डील की है जिसे ट्रंप ने दूसरे देशों के लिए एक नजीर बताया है। इस डील के मुताबिक अमेरिका में जापानी सामान पर 15 फीसदी टैरिफ लगेगा लेकिन जापान को अपना बाजार पूरी तरह अमेरिकी कंपनियों के लिए खोलना होगा।

भारत को क्या फायदा

ब्रिटेन का कहना है कि एफटीए से भारत के लोगों को बहुत फायदा होगा। उन्हें ब्रिटेन के अच्छे प्रोडक्ट्स आसानी से मिल पाएंगे। जैसे कि सॉफ्ट ड्रिंक, कॉस्मेटिक्स, कारें और मेडिकल डिवाइस। FTA लागू होने के बाद, इन चीजों पर लगने वाला टैक्स 15% से घटकर 3% हो जाएगा। इससे ये चीजें सस्ती हो जाएंगी।

अभी भी ब्रिटेन भारत से 11 अरब पाउंड का सामान खरीदता है। लेकिन टैक्स कम होने से ब्रिटेन के लोगों और कारोबारियों के लिए भारतीय सामान खरीदना और भी आसान हो जाएगा। इससे भारतीय कारोबारियों को भी फायदा होगा, क्योंकि वे ब्रिटेन को ज्यादा सामान बेच पाएंगे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा, "भारत के साथ हमारा यह बड़ा व्यापार समझौता ब्रिटेन के लिए बहुत बड़ी जीत है। इससे ब्रिटेन में हजारों नौकरियां पैदा होंगी, कारोबार के नए मौके मिलेंगे और देश के हर कोने में विकास होगा। यह हमारी बदलाव की योजना को पूरा करेगा।"

ट्रेड के इतर

यह समझौता सिर्फ व्यापार तक ही सीमित नहीं रहेगा। 2035 के लिए जो नई योजना बनाई जा रही है, उसमें दोनों देश मिलकर तरक्की करेंगे, नई चीजें खोजेंगे और अपनी सेना को भी मजबूत करेंगे। इसके लिए एक नया डिफेंस इंडस्ट्रियल रोडमैप बनाया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि भारत और ब्रिटेन ने बातचीत के दौरान एक-दूसरे की राजनीतिक संवेदनशीलता का सम्मान किया है।


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