आबकारी विभाग ने आर्य समाज मंदिर को नहीं माना मंदिर:भोपाल में शराब दुकान की शिकायत पर NHRC को आबकारी विभाग का जवाब

भोपाल की अरेरा कॉलोनी में आर्य समाज मंदिर के पास खुली शराब दुकान को हटाने की शिकायत कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) से की थी।

आबकारी विभाग ने एनएचआरसी को दिए जवाब में आर्य समाज मंदिर को मंदिर मानने से इनकार कर दिया। विभागीय अफसरों के जवाब का खुलासा खुद एनएचआरसी मेंबर प्रियंक कानूनगो ने किया है।

कानूनगो ने आबकारी विभाग का जवाब X पर शेयर करते हुए लिखा है कि महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने हिंदुओं में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने व हिंदुओं के अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए आर्य समाज की स्थापना की थी। जातिभेद के बगैर सभी हिंदुओं के वैदिक संस्कार आयोजित किए जाने के लिए देश भर में आर्य समाज मंदिरों की स्थापना की थी।

बाबुओं ने बेशर्मी से लिखा- शराब दुकान यथावत रहेगी कानूनगो ने आगे लिखा- मैंने अरेरा कॉलोनी क्षेत्र में आर्य समाज मंदिर के समीप एक शराब दुकान संचालित किए जाने की शिकायत पर जांच के लिए नोटिस जारी किया था। जिसके जवाब में सरकारी बाबुओं ने पूरी बेशर्मी के साथ लिखा है कि उनके नियम के अनुसार आर्य समाज मंदिर को मंदिर नहीं माना जा सकता है, इसलिए शराब दुकान यथावत रहेगी।

कदाचित यह सरकारी बाबू ही वो पतित हिंदू हैं जो हिंदुओं की दुर्दशा के लिए उत्तरदायी हैं। हिंदुओं को अब आर्य समाज मंदिर को सरकारी मान्यता दिलवाने के लिए कार्य करना होगा ?

7 महीनों से शिकायतों पर नहीं हो रही कार्रवाई भोपाल के अरेरा कॉलोनी में एक आवासीय भूखंड में संचालित अवैध शराब की दुकान के खिलाफ 7 माह से कई शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न किए जाने को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है।

शिकायतकर्ता विवेक त्रिपाठी की ओर से शराब की दुकान से 50 मीटर से भी कम दूरी पर आर्य समाज का मंदिर होने के तर्क को भी आबकारी विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया है। शिकायतकर्ता विवेक त्रिपाठी की ओर से शराब की दुकान से 50 मीटर से भी कम दूरी पर आर्य समाज का मंदिर होने के तर्क को भी आबकारी विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया है।

मामले को आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन को कार्रवाई करने के निर्देश दिए, लेकिन आबकारी विभाग की ओर से प्रस्तुत किए गए जांच प्रतिवेदन में लिखा है कि उनके नियम के अनुसार आर्य समाज मंदिर को मंदिर नहीं माना जा सकता है, इसलिए शराब दुकान यथावत रहेगी।

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