विपक्ष के उपराष्ट्रपति कैंडिडेट बोले- चुनाव की गरिमा बनी रहे:किसी पर पर्सनल अटैक न हों

उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले I.N.D.I.A ब्लॉक के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने शनिवार को कहा कि वे चाहते हैं कि इस चुनाव की गरिमा बनी रहे और ये अब तक के सभ्य चुनावों में से एक हो। कोई किसी पर पर्सनल अटैक न करे।
विपक्ष उम्मीदवार ने कहा- ‘राधाकृष्णन और मेरे बीच कोई निजी लड़ाई नहीं है। हम कभी एक-दूसरे से मिले भी नहीं हैं। इसलिए मैं चाहता हूं कि मुकाबला व्यक्तियों के बीच नहीं बल्कि दो अलग-अलग विचारधाराओं के बीच हो।’

यह चुनाव दो विचारधाराओं के बीच है। एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन आरएसएस के सदस्य रहे हैं। मैं उनसे नहीं बल्कि उस विचारधारा से असहमत हूं, जिससे वे जुड़े हैं।
दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा था कि सुदर्शन रेड्डी वही हैं, जिन्होंने वामपंथी उग्रवाद और नक्सलवाद को समर्थन देने वाला जजमेंट दिया था। अगर सलवा जुडूम के खिलाफ जजमेंट न होता तो वामपंथी उग्रवाद 2020 तक खत्म हो गया होता।
रेड्डी ने शाह के बयान पर कहा- ‘मैं उनसे बहस नहीं करना चाहता। सलवा जुडूम वाला फैसला मैंने लिखा है, ये मेरा नहीं है। ये फैसला सुप्रीम कोर्ट का है। शाह 40 पेज का फैसला पढ़ें। अगर उन्होंने फैसला पढ़ा होता तो शायद वे ये टिप्पणी नहीं करते।’
रेड्डी बोले- कभी उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ने की उम्मीद नहीं थी
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रेड्डी ने कहा कि उन्होंने कभी उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ने की उम्मीद नहीं की थी। कांग्रेस ने उन्हें चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था।
उन्होंने कहा- ‘कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं ने इसकी पहल की। इस पर मैंने कहा कि मेरे लिए किसी विशेष राजनीतिक दल का उम्मीदवार बनना मुश्किल हो सकता है, लेकिन अगर I.N.D.I.A ब्लॉक के दल सहमत होते हैं और मुझे उम्मीदवार बनाते हैं, तो मैं चुनाव लड़ूंगा।’
9 सितंबर को होगा चुनाव
उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होंगे। इसके लिए विपक्ष ने बी सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है। वे NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
रेड्डी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की उपस्थिति में 21 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल किया था।
इस दौरान राकांपा (एससीपी) प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव, द्रमुक सांसद तिरुचि शिवा, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत और गठबंधन के कई अन्य नेता भी मौजूद थे।