राफेल को टक्कर देने वाले J-10 जेट, ब्रह्मोस-मिसाइल एनालॉग… इंडोनेशिया और चीन के हथियार डील पर क्यों टिकी दुनिया की नजरें

जकार्ता: इंडोनेशिया और चीन के बीच बड़े रक्षा समझौते पर बातचीत चल रही है। चीन से इंडोनेशिया को तीन अत्याधुनिक हथियार प्रणालियां मिलने जा रही हैं। इसमें बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान J-10, मिसाइल बोट और एक एंटी-शिप मिसाइल शामिल हैं। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो ने हालिया समय में अपनी सेना के आधुनिकीकरण के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है। ऐसे में वह आधुनिक हथियारों के लिए चीन का रुख कर रहे हैं।

यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशियाई वित्त मंत्रालय ने चीन से तीन रक्षा प्रणालियों की खरीद के लिए विदेशी ऋणों का उपयोग करने की योजना को मंजूरी दी है। इसके लिए कुल 3.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण राशि को मंजूरी दी गई है। इससे J-10 बहुउद्देशीय विमान, होउबेई फास्ट अटैक क्राफ्ट और CM-302 तटीय एंटी-शिप मिसाइल की खरीद की जाएगी।

J-10 की खरीद पर चर्चा

जेन्स के अनुसार, चीन से J-10 लड़ाकू विमान की खरीद के लिए रक्षा मंत्रालय को 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक विदेशी ऋण प्राप्त करने के लिए अधिकृत किया गया है। इंडोनेशिया 42 J-10C लड़ाकू विमान प्राप्त करना चाहता है, जो इस विमान का नवीनतम और सबसे उन्नत संस्करण है। चीन ने इसे अभी केवल पाकिस्तान को बेचा है। पाकिस्तान ने मई में भारत के साथ सैन्य संघर्ष में इस विमान का इस्तेमाल किया था।

चीन का J-10 एक उन्नत बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है। AESA रडार और PL-15 मिसाइलों के कारण J-10C पर इंडोनेशिया की नजर है। दूसरी ओर J-10 की खरीद की खबरों के बाद जकार्ता और वॉशिंगटन के बीच दरार पैदा हो सकती है। अभी तक इंडोनेशिया ने हथियारों के लिए पश्चिम पर भरोसा किया है। ऐसे में अमेरिका को इंडोनेशिया की ये खरीद नाराज कर सकती है।

टाइप 22 फास्ट अटैक क्राफ्ट

इंडोनेशिया ने टाइप 22 फास्ट अटैक क्राफ्ट के लिए भी चीन से चर्चा की है। टाइप 22 चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) नेवी की तेज, फुर्तीली, सीक्रेट और शक्तिशाली मिसाइल बोटों का वर्ग है। इस मिसाइल बोट को चीन के तटीय क्षेत्र में संचालन और तटीय गश्त के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें 12 चालक दल के सदस्यों की क्षमता है। यह आठ एंटी-शिप मिसाइलों से लैस है, जो इसे दुर्जेय बनाता है।

एक कटमरैन डिजाइन पर निर्मित टाइप 22 होउबेई श्रेणी की गुप्त मिसाइल बोट चीनी पीएलए नौसेना को दुश्मन के जहाजों के खिलाफ कम दूरी तक नजर आने वाला मिसाइल प्रक्षेपण प्लेटफ़ॉर्म और वायु रक्षा क्षमता प्रदान करती है। टाइप 22 मिसाइल बोट का वजन 200 टन से ज्यादा है। इन नौकाओं में YJ-83 सबसोनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइलें और AK-603 6-बैरल 30 मिमी गैटलिंग गन की लाइसेंस प्राप्त प्रति है।

CM-302 मिसाइल

इंडोनेशिया ने अपनी तटीय रक्षा के लिए चीन से CM-302 हथियार के भूमि-आधारित संस्करण लेने का इरादा जाहिर किया है। CM-302 चीन की YJ-12 रैमजेट-संचालित तटीय एंटी-शिप मिसाइल का निर्यात संस्करण है। इसे सुपरसोनिक, समुद्र-स्किमिंग, एंटी-शिप क्रूज मिसाइल के रूप में वर्णित किया जाता है। इसका उद्देश्य उच्च गति और भारी वारहेड के साथ सतह के युद्धपोतों पर हमला करना है।

CM-302 को भारत-रूस की ब्रह्मोस मिसाइल का एनालॉग माना जाता है। दिलचस्प बात यह है कि इंडोनेशिया भी भारत से सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलें हासिल करने की कोशिश कर रहा है। ये मिसाइलें सीमित समुद्रों, जलडमरूमध्यों, द्वीपसमूहों में एंटी-एक्सेस/एरिया डिनायल के लिए प्रभावी हैं। इन्हें बड़े युद्धपोतों को धमकाने के लिए बिखरे हुए तटीय बैटरियों या छोटे जहाजों पर तैनात किया जा सकता है।

CM-302 बड़ी क्रूज मिसाइलों की तुलना में सस्ती हैं। वायु रक्षा प्रणालियों को ध्वस्त करने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है। चाइना एयरोस्पेस कॉर्पोरेशन ने CM-302 को दुनिया की सबसे अच्छी एंटी-शिप मिसाइल कहा है। यह मिसाइल अपने 290 किलोमीटर के प्रक्षेप पथ पर सुपरसोनिक गति से उड़ती है। इसे जहाजों, विमानों या जमीनी वाहनों पर लगाया जा सकता है। इसका इस्तेमाल जमीनी लक्ष्यों को निशाना बनाने में किया जा सकता है।

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