मध्य प्रदेश में नदियों का रौद्र रूप, बाढ़ से घिरे हजारों लोगों के सामने संकट… भोपाल अंचल में 12 की मौत

भोपाल। राजस्थान के कोटा बैराज डैम, नौनार डैम से छोड़े जा रहे पानी और पार्वती, सीप नदियों के पानी के कारण चंबल नदी (Chambal River) में उफान बढ़ता जा रहा है। बुधवार की देर रात चंबल का जलस्तर 142 मीटर को भी पार कर गया, जो खतरे के निशान 138 मीटर से चार मीटर ऊपर है
क्वारी और आसान नदी भी खतरे के निशान के करीब बह रही हैं। श्योपुर के बड़ौदा में 2021 में आई भीषण बाढ़ (Flood in MP) जैसी स्थिति बन गई है। शिवपुरी, दतिया और ग्वालियर (Gwalior Weather) के भितरवार में सिंध नदी उफान पर है।
अंचल के आधा सैकड़ा गांव पूरी तरह पानी से घिरे हैं। जहां फंसे लोगों को निकालने के लिए एसडीआरएफ के साथ सेना की जवान भी जुटे हैं। प्रशासन के अनुसार, चंबल के जलस्तर और बढ़ने का अनुमान है। बाढ़ से 91 गांवों प्रभावित होते हैं, हर जगह निगरानी की जा रही है।
अंबाह, देवगढ़, टेंटरा और चिन्नौनी थानों के गांवों में खतरे की संभावना अधिक है, इसलिए इन थानों में आपदा प्रबंधन की टीमें मोटरवोट व अन्य संसाधनों के साथ तैनात कर दी गई हैं।
भोपाल अंचल में 2 दिन में 12 की मौत
भोपाल अंचल में दो दिनों की बाढ़ में 12 लोगों की मौत हो गई। इनमें से नौ लोगों की मौत डूबने से हुई, वहीं दो लोगों की मौत मकान गिरने से दबकर हुई है। बाढ़ में बही एक गर्भवती महिला का अब भी पता नहीं चल पाया है।
गरज-चमक के साथ हल्की वर्षा के आसार
इंदौर शहर में बुधवार को बादल छाए और कई दिनों बाद धूप भी निकली। बादल छंटने के कारण दिन के तापमान में भी इजाफा देखने को मिला। बुधवार को शहर में अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस कम 26.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वही न्यूनतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
भोपाल स्थित मौसम केंद्र के विज्ञानियों के मुताबिक फिलहाल इंदौर में वर्षा करवाने वाला कोई प्रभावी सिस्टम नहीं हैं। ऐसे में इंदौर में गुरुवार को गरज-चमक के साथ हल्की वर्षा होने की संभावना है।