अमेरिका की भी नजरें बांग्लादेश पर, पड़ोसी देश पर क्यों डोरे डाल रहा यूएस? क्या भारत को होगी टेंशन

नई दिल्ली: अब अमेरिका की भी नजरें बांग्लादेश पर गढ़ गई हैं। अमेरिका बंगाल की खाड़ी में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। इसके लिए वह बांग्लादेश के एक बंदरगाह पर नजर रख रहा है। यह सब क्वाड पोर्ट्स फॉर फ्यूचर (Quad Ports for Future) प्रोग्राम के तहत हो रहा है। अमेरिका का मकसद इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करना है। लेकिन, यह कदम भारत को थोड़ा असहज कर सकता है।
इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक अमेरिका ने ढाका में संबंधित अधिकारियों के साथ शुरुआती बातचीत की है। यह बातचीत बांग्लादेश के पोर्ट सेक्टर में अपनी योजना को लेकर हुई है। सूत्रों के अनुसार, अमेरिका पोर्ट बनाने से पहले एक feasibility study (संभाव्यता अध्ययन) करेगा। इससे पता चलेगा कि पोर्ट बनाना कितना सही रहेगा।
भारत की नहीं कोई भूमिका
इकनॉमिक टाइम्स ने पहले खबर दी थी कि अमेरिकी सेना बांग्लादेश के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चटगांव इलाके में सक्रिय है। अमेरिका की इस योजना में भारत की कोई भूमिका नहीं है। जबकि यह योजना Quad Ports initiative (क्वाड पोर्ट्स पहल) के तहत बनाई जा रही है।
भारत और जापान की भी है प्लानिंग
भारत भी बांग्लादेश में एक पोर्ट बनाने की सोच रहा है। यह पोर्ट पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर बन सकता है। इसका मतलब है कि सरकार और प्राइवेट कंपनियां मिलकर पोर्ट बनाएंगी।
वहीं, जापान बांग्लादेश के मातरबारी में एक गहरा समुद्री बंदरगाह बना रहा है। जापान का लक्ष्य इस बंदरगाह को एक बड़ा regional transshipment (क्षेत्रीय ट्रांसशिपमेंट) और इंडस्ट्रियल हब बनाना है। इससे बड़े जहाज सीधे यहां आ सकेंगे। इससे लागत और समय कम होगा। साथ ही, बांग्लादेश और भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों का व्यापार भी बढ़ेगा।