5 साल में दोगुना कर देते थे पैसा, लेकिन इस साल टाटा के शेयरों ने निवेशकों को कर दिया ‘बर्बाद’

नई दिल्ली : टाटा ग्रुप के दो बड़े शेयर ट्रेंट और टीसीएस इस साल सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले निफ्टी50 स्टॉक साबित हुए हैं। दोनों में 25% से ज्यादा की गिरावट आई है। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस के शेयरों में लगभग 25% गिरावट आई है। वहीं टाटा ग्रुप की रिटेल कंपनी ट्रेंट के शेयरों में लगभग 30% की गिरावट आई है। यह कंपनी जूडियो और वेस्टसाइड जैसे ब्रांड चलाती है। कभी निवेशकों के पसंदीदा पसंद रहे इन शेयरों में क्यों आई गिरावट…
टीसीएस को ऐसा शेयर माना जाता था जिसे पांच साल में निवेशकों का पैसा दोगुना कर देता था। लेकिन अब यह 2008 की आर्थिक मंदी के बाद सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। तब इसके शेयर 55% तक गिर गए थे। ट्रेंट ने पिछले पांच साल में 800% का रिटर्न दिया था लेकिन यह शेयर भी 2008 के बाद सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। टीसीएस में गिरावट की वजह कंपनी से जुड़ी नहीं है। यह पूरे आईटी सेक्टर की समस्या है। अमेरिका में क्लाइंट कम खर्च कर रहे हैं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की वजह से भी दबाव है।
टीसीएस का शेयर क्यों गिर रहा?
हाल ही में टीसीएस ने लगभग 2% कर्मचारियों (लगभग 12,000 लोगों) को नौकरी से निकालने का ऐलान किया था। हाल ही में आए पहली तिमाही के नतीजों से पता चला कि टीसीएस की कमाई उम्मीद से कम रही। इस दौरान कंपनी को $9.4 अरब के नए प्रोजेक्ट मिले जो पिछले साल से 13% ज़्यादा है। लेकिन इसमें कोई बड़ा प्रोजेक्ट शामिल नहीं है। टीसीएस के मैनेजमेंट का कहना है कि ग्राहक सोच-समझकर खर्च कर रहे हैं और नए प्रोजेक्ट शुरू करने में देरी हो रही है।
ट्रेंट की ग्रोथ में कमी
ट्रेंट की ग्रोथ में भी कमी आई है और इससे निवेशकों का भरोसा कम हुआ है। HSBC के एनालिस्ट्स ने कहा कि कम डिमांड और सप्लाई में दिक्कत की वजह से नतीजे उम्मीद से कम रहे। बांग्लादेश से सप्लाई में दिक्कत आ रही है। नुवामा ने ट्रेंट को ‘होल्ड’ रेटिंग दी है। पहले इसकी रेटिंग ज्यादा थी। टारगेट प्राइस को भी 6,627 रुपये से घटाकर 5,884 रुपये कर दिया गया है। HSBC ने ‘बाय’ रेटिंग को बरकरार रखा है लेकिन टारगेट प्राइस को 6,700 रुपये से घटाकर 6,600 रुपये कर दिया है।