प. बंगाल में दुकान खोलने को लेकर दो समुदाय भिड़े:5 घायल, 29 उपद्रवी गिरफ्तार; भाजपा नेता का दावा- मंदिर भी तोड़ा गया

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के रवींद्रनगर इलाके में बुधवार को दो समुदायों के बीच दुकान खोलने को लेकर हिंसक झड़प हो गई। उपद्रवियों ने पुलिस थाने के बाहर पथराव किया, टायर जलाए और एक बाइक को आग के हवाले कर दिया। अब तक 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
घटना में 5 लोग घायल हो गए। वहीं, 1 महिला पुलिसकर्मी सहित कई पुलिसवाले भी घायल हुए हैं। स्थिति संभालने के लिए कोलकाता पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स तैनात की।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) सुवेंदु अधिकारी और राज्य के अन्य भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि रवींद्र नगर पुलिस स्टेशन के पास मेटियाब्रुज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत महेशतला के वार्ड नंबर 7 में एक शिव मंदिर में तोड़फोड़ की गई।
शुभेंदु ने इंस्पेक्टर को निलंबित करने की मांग की
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कोलकाता पुलिस मुख्यालय के बाहर धरना दिया और केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की। उन्होंने राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस से रवींद्रनगर थाने के इंस्पेक्टर मुकुल मिया को निलंबित कर उनकी भूमिका की जांच करने की मांग भी की है।
शुभेंदु ने आरोप लगाया कि शिव मंदिर में भी तोड़फोड़ की गई। मुकुल मिया ने हिंसा के दौरान जानबूझकर लापरवाही बरती और उपद्रवियों को संगठित होने का मौका दिया। साथ ही उनके राजनीतिक जुड़ाव की भी बात कही। उन्होंने कहा कि मुकुल ने हिंदू पक्ष को प्रताड़ित किया है।
भाजपा बोली- पुलिस ने हमलावरों की जगह पीड़ितों पर कार्रवाई की
बीजेपी नेता सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है और पुलिस ने हमलावरों के बजाय पीड़ितों पर कार्रवाई की। दोनों नेताओं ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस से हस्तक्षेप की मांग की है।
तृणमूल बोली- भाजपा स्थानीय विवाद को सांप्रदायिक रंग दे रही
तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह एक स्थानीय विवाद था, जिसे भाजपा सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है। कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने हिंसा की निंदा की और घायल पुलिसकर्मियों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
11-12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़की थी
पश्चिम बंगाल में 11-12 अप्रैल को नए वक्फ बोर्ड कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ उग्र हो गई थी। इसके बाद मुर्शिदाबाद में हिंसा हुई। इसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे।