राजस्थान में अकेले चुनाव लड़ने को तैयार NDA के दो साथी, ‘अपने’ ही बढ़ाएंगे BJP की मुश्किलें?

जयपुर
एनडीए के दो प्रमुख घटक जेजेपी और शिवसेना शिंदे गुट ने राजस्थान के चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने के संकेत दिए है। चर्चा है कि बीजेपी दोनों दलों को सीट देने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में जेजेपी और शिवसेना शिंदे गुट राजस्थान में अकेले ही चुनाव लड़ सकते है। कांग्रेस छोड़कर शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हुए पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा पार्टी ने दावा किया है कि वह फिर मंत्री बनेंगे। मतलब यह है कि उन्होंने बीजेपी से गठबंधन के संकेत दिए है। हालांकि, बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेंदी ने साफ कह दिया है कि राजस्थान में राजेंद्र गुढ़ा से किसी तरह का गठबंधन नहीं होगा। बीजेपी के नेता गठबंधन पर खुलकर नहीं बोल रहे है। सियासी जानकारों का कहना है कि बीजेपी की लिस्ट जारी होने के बाद ही पूरी तस्वीर साफ हो पाएगी। लेकिन दुष्यंत चौटाला बीजेपी से करीब 30 सीटों पर गठबंधन करना चाहते है। बीजेपी के नेता इसका विरोध कर रहे हैं। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि चौटाला अकेले ही चुनाव लड़ेंगे।

चौटाला बोले-  25 से 30 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे
बता दें जननायक जनता पार्टी ने सोमवार को पूर्व उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय ताऊ देवीलाल की कर्मस्थली सीकर में जयंती पर सीकर में रैली का आयोजन किया। रैली में दुष्यंत चौटाला ने संकेत दिए कि राजस्थान में 25 से 30 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, बीजेपी से गठबंधन होगा या नहीं, इसे लेकर फिहलाल असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सियासी जानकारों का कहना है कि बीजेपी के स्थानीय नेता गठबंधन के खिलाफ है। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि जेजेपी अपने दम पर ही चुनाव लड़ेगी। दूसरी तरफ महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना शिंदे गुट भी राजस्थान में चुनाव लड़ेगी। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जजपा ने राजस्थान में बदलाव की मजबूत नींव रख दी है। जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय चौटाला और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कई बड़े वादे जनता से किए। साथ ही राजस्थान में राजनीतिक बदलाव और व्यवस्था परिवर्तन के लिए ताल ठोकते हुए जजपा के बेहतर विकल्प होने का दंभ भरा। जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय चौटाला ने कहा कि विधानसभा में जननायक जनता पार्टी की सरकार में हिस्सेदारी होने पर राजस्थान के युवाओं को विदेश में रोजगार दिलाने के लिए अलग से विभाग का गठन किया जाएगा।

राजस्थान की राजनीति में नई हलचल
दरअसल, शिवसेना करीब 10 सीटों पर बीजेपी से गठबंधन करना चाहती है। बीजेपी इतनी सीट देने के लिए तैयार नहीं है। क्योंकि बीजेपी के स्थानीय नेता विरोध में है। बता दें सितंबर में ही राजस्थान की राजनीति में अब शिव सेना की एंट्री हो गई। गहलोत सरकार से बर्खास्त मंत्री एवं झुंझुनूं के उदयपुरवाटी से विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने शिंदे गुट की शिव सेना ज्वाइन की। जिन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पार्टी ज्वाइन करवाई। साथ ही राजेंद्र सिंह गुढ़ा को शिव सेना के राजस्थान प्रदेश इकाई का समन्वयक का नियुक्ति पत्र प्रदान किया था। राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि राजस्थान की राजनीति को बदलेंगे। तो वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि हम विकास के लिए राजस्थान में काम करेंगे। लेकिन यह साफ नहीं किया कि शिव सेना अकेले ही राजस्थान में चुनाव लड़ेगी या फिर एनडीए के तहत भाजपा के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरेगी। हालांकि, बीजेपी नेता अरुण चतुर्वेदी ने गठबंधन से साफ इनकार किया है।

 

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