भारत में UAE 50 अरब डॉलर का निवेश करने पर कर रहा विचार

नईदिल्ली

भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था (India Fastest Growing Economy) बना हुआ है. तमाम ग्लोबल एजेंसियों के साथ ही बड़े-बड़े देशों ने भी देश की सराहना की है. इनमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भी शामिल है, जो भारत में बड़े निवेश का प्लान तैयार कर रहा है. ये छोटा-मोटा इन्वेस्टमेंट नहीं होगा, बल्कि 50 अरब डॉलर का होगा. इंडियन इकोनॉमी पर फिदा यूएई को देखते हुए चीन (China) को मिर्ची लगने वाली है, जो अपनी डगमगाती इकोनॉमी को संभालने में जुटा हुआ है.  

लगातार मजबूत हो रहे भारत-यूएई के रिश्ते
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) तेल से आगे बढ़ने की अपनी आर्थिक विविधीकरण योजना के तहत भारत में 50 अरब डॉलर तक का निवेश करने पर विचार कर रहा है. बीते कुछ समय में यूएई और भारत के रिश्ते काफी मजबूत हुए हैं और इसके साथ ही दोनों देशों के बीच कारोबार भी लगातार बढ़ रहा है. फिलहाल की बात करें तो UAE-India के बीच नॉन ऑयल बाइलेट्रल ट्रेड करीब 100 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. वहीं अब इस रिश्ते को और भी आगे बढ़ाने की तैयारी के रूप में भारत में 50 अरब डॉलर यानी 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश की तैयारी है. 

अगले साल की शुरुआत में ऐलान संभव
UAE की ओर से भारत में 50 अरब डॉलर के संभावित निवेश के संबंध में जारी इस रिपोर्ट में मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए कहा गया है कि यूएई की ओर से इस इन्वेस्टमेंट को लेकर अगले साल यानी 2024 की शुरुआत में बड़ा ऐलान किया जा सकता है. यूएई से आने वाले इस निवेश से भारत के जिन सेक्टर्स को मजबूती मिलेगी, उनमें मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं और इन्हें रफ्तार मिलने से देश की इकोनॉमी (Indian Economy) और भी मजबूत होगी. 

China की चाल नहीं आ रही काम
भारत पर यूएई के इस भरोसे से सबसे ज्यादा तिलमिलाहट चीन को होने वाली है, जो लगातार मुस्लिम देशों को अपनी ओर आकर्षित करने के प्रयास में लगा हुआ है. उसकी इस कोशिश के बीच भारत की मुस्लिम देशों से बढ़ती नजदीकी, व्यापारिक रिश्तों में आ रही मजबूती और लगातार बढ़ते निवेश से चीन के माथे पर पसीना आना लाजिमी है. भारतीय अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से आगे बढ़ते हुए आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन चुकी है और दुनिया भर के निवेशक भारत को इन्वेस्टमेंट के लिए सबसे सही ठिकाना मान रहे हैं. 

बुरे दौर से गुजर रही चीनी इकोनॉमी
एक ओर जहां भारतीय अर्थव्यवस्था रॉकेट की रफ्तार से आगे भाग रही है, तो वहीं विभिन्न कारकों की वजह से China Economy पस्त नजर आ रही है. कोरोना के प्रकोप के बाद से चीन अपनी हालत में सुधार नहीं कर पाया है और बैंकिंग व रियल एस्टेट सेक्टर में लग रहे लगातार झटकों ने देश की अर्थव्यवस्था को हिला कर रखा है. इस खराब हालत में विदेशी कंपनियां चीन से दूर भाग रही हैं और नया ठिकाना तलाश रही हैं, तो वहीं चीनी कंपनियों की हालत पतली है और वे दिवालियां हो रही हैं. तमाम रेटिंग एजेंसियों ने भी चीनी इकोनॉमी की ग्रोथ को लेकर चिंता जाहिर की है. 

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