चीन समेत ये 3 देश ऐसा क्‍या भरभरकर भेज रहे हैं? भारत की बढ़ी टेंशन, शुरू कर दी जांच

नई दिल्‍ली: चीन, इंडोनेशिया और वियतनाम ने भारत की टेंशन बढ़ा दी है। इसकी वजह इन तीन देशों से भरभरकर आने वाले कुछ स्‍टील उत्‍पाद हैं। भारत ने इस मामले में डंपिंग की जांच शुरू कर दी है। वाणिज्य मंत्रालय की इकाई डीजीटीआर ने यह कदम उठाया है। ऐसा घरेलू कंपनियों की शिकायत के बाद किया गया है। कंपनियों ने आरोप लगाया है कि इन देशों से सस्ते आयात के कारण उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। डीजीटीआर अब ये पता लगाएगा कि क्या वास्तव में डंपिंग हो रही है। साथ ही इससे भारतीय उद्योगों को कितना नुकसान हुआ है। अगर जांच में डंपिंग और नुकसान साबित होता है तो डीजीटीआर इन आयातों पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने की सिफारिश करेगा। इस पर अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय लेगा।

भारतीय स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईएसएसडीए) ने घरेलू कंपनियों की ओर से यह शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि इन तीन देशों से ‘कोल्ड रोल्ड फ्लैट उत्पाद (300 और 400 सीरीज के)’ की डंपिंग हो रही है। डंपिंग का मतलब है कि विदेशी कंपनियां अपने उत्पादों को भारत में बहुत कम कीमत पर बेच रही हैं जो उनके अपने घरेलू बाजार की कीमत से भी कम है।

एंटी-डंप‍िंंग ड्यूटी लगाने की मांग

आईएसएसडीए ने इन आयातों पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने की मांग की है। डीजीटीआर ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया है। डीजीटीआर ने एक नोटिफिकेशन जारी किया। इसमें कहा, ‘घरेलू उद्योग की ओर से विधिवत आवेदन और प्रथम दृष्टया सबूतों के आधार पर खुद को संतुष्ट करने के बाद, जो डंपिंग और घरेलू उद्योग को हुए नुकसान को प्रमाणित करते हैं, प्राधिकरण डंपिंग की एंटी-डंपिंग जांच शुरू करता है।

इस जांच के दौरान डीजीटीआर यह तय करेगा कि डंपिंग हुई है या नहीं। वह यह भी देखेगा कि डंपिंग किस हद तक हुई है। इसका क्या असर पड़ा है। अगर यह साबित हो जाता है कि डंपिंग के कारण घरेलू खिलाड़ियों को ‘सामग्री क्षति’ (यानी बड़ा नुकसान) हुआ है तो डीजीटीआर इन सभी वस्तुओं के आयात पर ड्यूटी लगाने की सिफारिश करेगा। यह ड्यूटी एक तरह का टैक्स है। हालांकि, ड्यूटी लगाने का अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय ही करता है। एंटी-डंपिंग ड्यूटी का मुख्य उद्देश्य निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करना है। यह घरेलू उत्पादकों और विदेशी उत्पादकों तथा निर्यातकों के बीच एक ‘समान अवसर’ बनाने में मदद करता है।

चीन से आने वाले कई अन्‍य सामानों की भी जांच

यह पहली बार नहीं है जब डीजीटीआर ऐसी जांच कर रहा है। डीजीटीआर चीन से कई अन्य सामानों की डंपिंग की भी जांच कर रहा है। इनमें वॉलपेपर, बोरोसिलिकेट टेबल और किचन ग्लासवेयर और नायलॉन शामिल हैं। इसी तरह की एक और जांच मलेशिया और थाईलैंड से आने वाले मेडिकल टेस्‍ट रबर दस्ताने के खिलाफ भी चल रही है। देश एंटी-डंपिंग जांच इसलिए करते हैं ताकि यह पता चल सके कि क्या सस्ते आयात के कारण उनके घरेलू उद्योगों को नुकसान हुआ है। ऐसे नुकसान से बचने के लिए वे जिनेवा स्थित विश्व व्यापार संगठन (WTO) की बहुपक्षीय व्यवस्था के तहत ये ड्यूटी लगाते हैं। भारत और ये सभी देश (चीन, इंडोनेशिया, वियतनाम, मलेशिया, थाईलैंड) डब्‍ल्‍यूटीओ के सदस्य हैं। भारत ने पहले भी अलग-अलग देशों से आने वाले सस्ते आयातों से निपटने के लिए कई उत्पादों पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाई हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button