भारत हिंद महासागर में ऐसा क्या करने जा रहा जिससे चीन में मचा हड़कंप, बंगाल की खाड़ी में भेजा जासूसी जहाज युआन वांग 5, जानें

बीजिंग: चीन के जासूसी जहाज युआन वांग 5 की भारत के पास के समुद्री क्षेत्र में वापसी हुई है। इस जहाज की ये वापसी इसलिए खास है क्योंकि यह जहाज श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर लंगर डालने के तीन साल बाद भारत के पड़ोसी समुद्री क्षेत्र में वापस आया है। यह चीनी नेवी का अत्याधुनिक सैटेलाइट और मिसाइल ट्रैकिंग पोत है। भारत युआन वांग 5 की हिंद महासागर में गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहा है। ऐसी अटकलें हैं कि भारत 24 और 25 सितंबर के बीच बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक हाइपरसोनिक लंबी दूरी की एंटी-शिप मिसाइल का परीक्षण कर सकता है। शिप की हिंद महासागर में वापसी को इस टेस्ट से जोड़ा जा रहा है।
डेक्कन हेराल्ड (डीएच) की रिपोर्ट के मुताबिक, नई दिल्ली ने 24 और 25 सितंबर के बीच बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवाई क्षेत्र को प्रतिबंधित करने वाला एक नोटम जारी किया है। इससे भारत की ओर से मिसाइल परीक्षण की अटकलों को बल मिला है। युआन वांग अगस्त 2022 में हंबनटोटा बंदरगाह पर पहुंचा था। इसे श्रीलंका ने 2016 में चीन की एक सरकारी कंपनी को पट्टे पर दे दिया था। इस पर भारत ने श्रीलंका को अपनी सुरक्षा चिंताओं से अवगत कराया था। युआन वांग 5 के आखिरी बार 18 सितंबर के आसपास इंडोनेशिया के पास होने की सूचना मिली थी।
क्यों बढ़ी भारत की चिंता
सूत्रों ने डीएच को बताया कि मिसाइल टेस्ट के समय हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी पीएलए नौसेना के जहाज की गतिविधियों ने नई दिल्ली में चिंताएं पैदा की है। इसमें सबसे अहम चिंता ये है कि इस शिप की दोहरे उपयोग वाली ट्रैकिंग क्षमताओं का इस्तेमाल जासूसी के लिए किया जा सकता है।
चीनी जहाज में कई खासियत
चीन का यह जहाज पीएलए नौसेना के सामरिक सहायता बल द्वारा उपग्रहों और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों पर नजर रखने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जहाजों में से एक है। सितंबर 2007 में सेवा में आने के बाद से इस जासूसी जहाज ने 80 से ज्यादा ऑपरेशन किए हैं। इनमें चीन के चालक दल वाले अंतरिक्ष यान शेनझोउ मिशन और बेइदोउ सैटेलाइट पर नजर रखना शामिल है।