भोपाल में व्हाइट टॉपिंग से सड़कें 10 इंच ऊंची:अरेरा कॉलोनी में विरोध; कांग्रेस बोली-यह इंजीनियरिंग का अजूबा

भोपाल में व्हाइट टॉपिंग तकनीक से बनी सड़कों की ऊंचाई 8 से 10 इंच तक बढ़ गई है। चाहे हमीदिया रोड हो या मंदाकिनी चौराहे से जेके रोड, अरेरा कॉलोनी। इस वजह से रहवासी और राहगीर दोनों ही परेशान हैं। अरेरा कॉलोनी में खुलकर विरोध हो रहा है। कांग्रेस ने इसे इंजीनियरिंग का अजूबा बताया है।
अरेरा कॉलोनी में 8 करोड़ रुपए की लागत से 3.2 किलोमीटर सड़कें बन रही हैं। 10 नंबर मार्केट की मुख्य सड़क भी बनाई जा रही है, लेकिन इनकी ऊंचाई ज्यादा है। इस वजह से लोग परेशान हो रहे हैं।
रहवासियों के बीच पहुंचे कांग्रेस नेता व्हाइट टॉपिंग की सड़क से परेशान लोगों के बीच कांग्रेस नेता भी पहुंचे। अभिनव बारोलिया ने बताया कि अरेरा कॉलोनी में व्हाइट टॉपिंग से घर नीचे चले गए और सड़कें ऊपर हो गईं। रहवासियों ने बताया, सड़क ऊंची हो गई है। इस वजह से सड़क का पानी बहकर घर में आ रहा है। सड़क की ऊंचाई इतनी ज्यादा है कि कार तक नहीं निकाल पा रहे हैं। पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर संजय मस्के ने बताया कि इस तकनीक से 3 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सड़कें बनाई जा रही हैं।
कई रहवासी गिर रहे अरेरा कॉलोनी के रहवासी और बिट्टन मार्केट के व्यापारियों ने बताया, रात में कई टू व्हीलर चालक गिर रहे हैं। दिन में भी वंदे मातरम् चौराहे पर भी गाड़ियों के गिरने का खतरा बना हुआ है।
मंत्रियों को लिख चुके लेटर कुछ दिन पहले रहवासी कमल राठी, लवनीश भाटी, नीरज गुलाटी, अभिषेक त्रिवेदी, विवेक तिवारी सहित अरेरा कॉलोनी ई-1 से ई-5 तक के हर सेक्टर से 80 से अधिक रहवासियों के हस्ताक्षर के साथ नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह व अन्य संबंधित अफसरों को पत्र लिखे गए थे। बावजूद समस्या दूर नहीं की गई।
लोगों का कहना है कि 50 से 60 साल पुराने मकान पुरानी सड़क के हिसाब से बने हैं। नई सड़क की ऊंचाई बढ़ने पर घरों में पानी भरेगा। सीवेज लाइन नीचे दब जाएगी तो उसके लीक होने या फूटने पर तब पता चलेगा जब सड़क धंस जाएगी।
व्हाइट टॉपिंग में यह नियम व्हाइट टॉपिंग सड़क का निर्माण इसी साल से हो रहा है। हमीदिया रोड को इसी तकनीक से बनाया गया है। वहीं, कोलार रोड के मंदाकिनी चौराहे से दानिशकुंज चौराहे तक भी एक लेन बन चुकी है। एक्सपर्ट का कहना है कि व्हाइट टॉपिंग में सड़क पर डामर की पुरानी सरफेस जो लगभग 1 इंच होती है, उसे ही निकाला जाता है। यदि सड़क को खोदकर पूरा निकालेंगे तो उसे दोबारा बनाना पड़ेगा और यह नई सड़क बनाने जैसा ही हो जाएगा। नई सड़क और व्हाइट टॉपिंग की लागत में लगभग दोगुना अंतर है। अरेरा कॉलोनी की सड़कों का सरफेस खराब है, बेस ठीक है। इसलिए व्हाइट टॉपिंग ठीक है, लेकिन सीवेज और ड्रेनेज का ध्यान रखना होगा।





